जयपुर। राजस्थान में कोटा के एक अस्पताल में एक माह के भीतर 100 के लगभग बच्चों मौत हो चुकी है। इस बीच, राज्य के मुख्यंमत्री अशोक गहलोत ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। दूसरी ओर, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राज्य के कांग्रेस प्रभारी अवीनाश पांडेय से मुलाकात की है और इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। पिछले 48 घंटों में 9 और बच्चों की मौत हो गई है।
गहलोत ने गुरुवार को कहा कि सरकार बीमार शिशुओं की मौत पर पूरी तरह संवेदनशील है और इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए। गहलोत ने इस मुद्दे पर ट्वीट कर कहा है कि जेके लोन अस्पताल, कोटा में हुई बीमार शिशुओं की मृत्यु पर सरकार संवेदनशील है। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। कोटा के इस अस्पताल में शिशुओं की मृत्यु दर लगातार कम हो रही है। हम आगे इसे और भी कम करने के लिए प्रयास करेंगे। मां और बच्चे स्वस्थ रहें, यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री ने लिखा है कि राजस्थान में बच्चों के आईसीयू की स्थापना सबसे पहले हमारी सरकार ने 2003 में की थी। कोटा में बच्चों के आईसीयू की स्थापना हमने 2011 में की थी। गहलोत के अनुसार 'निरोगी राजस्थान' हमारी प्राथमिकता है तथा स्वास्थ्य सेवाओं में और सुधार के लिए भारत सरकार के विशेषज्ञ दल का भी स्वागत है।
उन्होंने लिखा- हम उनसे विचार-विमर्श और सहयोग से प्रदेश में चिकित्सा सेवाओं में सुधार के लिए तैयार हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस मामले में मीडिया किसी भी दबाव में आए बिना तथ्य प्रस्तुत करे। उल्लेखनीय है कि कोटा के जेके लोन चिकित्सालय में पिछले कुछ दिनों में नवजात शिशुओं की मौत बड़ा मुद्दा बन गई है।
मायावती ने गहलोत और प्रियंका को घेरा : दूसरी ओर बसपा सुप्रीमो मायावती ने बच्चों की मौत पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर उदासीन तथा असंवेदनशील रवैया अपनाने का और कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया है।
मायावती ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का नाम लिए बिना कहा कि कांग्रेस पार्टी का शीर्ष नेतृत्व, खासकर महिला महासचिव इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने कहा कि अच्छा होता कि वे उप्र की तरह राजस्थान जातीं और उन गरीब पीड़ित माओं से मिलतीं।
उन्होंने गुरुवार को ट्वीट में कहा कि कांग्रेस शासित राजस्थान के कोटा जिले में हाल ही में लगभग 100 मासूम बच्चों की मौत से माओं की गोद उजड़ना अति-दुखद और दर्दनाक है।