सांतेमारनहल्ली। सोनिया गांधी के विदेशी मूल का मुद्दा एक बार फिर आज तब उठा, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को उनकी मां की मातृभाषा समेत किसी भी भाषा में कर्नाटक की कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों के बारे में बिना कागज के 15 मिनट तक बोलने की चुनौती दी।
मोदी, राहुल गांधी की उस चुनौती का जवाब दे रहे थे कि वह भ्रष्टाचार समेत विभिन्न मुद्दों पर उन्हें संसद में 15 मिनट बोलने दें और वह (प्रधानमंत्री) उस दौरान वहां बैठ नहीं पाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा, मैं कांग्रेस अध्यक्ष को अपनी पार्टी की सरकार की उपलब्धियों के बारे में बिना कागज देखे 15 मिनट तक हिंदी, अंग्रेजी या उनकी मां की मातृभाषा में बोलने की चुनौती देता हूं।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत वरिष्ठ पार्टी नेताओं ने अक्सर राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उनकी मां सोनिया गांधी के इतालवी मूल का मुद्दा उठाया है। चुनावी रैलियों में शाह ने यह कहते हुए बार-बार ‘राहुल बाबा’ को निशाना बनाया कि वह मोदी सरकार में हुए बदलावों को देख नहीं पाते, क्योंकि उन्होंने इतालवी चश्मा पहन रखा है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 2014 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कहा था कि सोनिया गांधी ‘प्यार, स्नेह और सम्मान’ की हकदार हैं लेकिन वह देश की प्रधानमंत्री के तौर पर स्वीकार्य नहीं हैं। (भाषा)