नई दिल्ली। राहुल गांधी ने भले ही कांग्रेस पार्टी की कमान संभाल ली हो किंतु सोलहवीं लोकसभा का कार्यकाल पूरा होने तक सोनिया गांधी के कांग्रेस संसदीय दल (सीएलपी) के अध्यक्ष पद पर बने रहने की संभावना है।
कांग्रेस के संगठन चुनाव के बाद राहुल ने गत 16 दिसंबर को पार्टी अध्यक्ष पद का दायित्व संभाल लिया। इससे पहले लगातार 19 वर्ष तक उनकी मां सोनिया गांधी ने इस पद पर रहने का रिकार्ड कायम किया।
कांग्रेस संगठन और बाहर इस बात को लेकर तमाम अटकलें लगायी जा रही हैं कि पार्टी अध्यक्ष पद से हटने के बाद सोनिया की पार्टी में क्या भूमिका रहेगी? वैसे सोनिया अभी तक न केवल सीएलपी अध्यक्ष हैं बल्कि संप्रग प्रमुख भी हैं।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि सोनिया गांधी वर्तमान लोकसभा में सीएलपी अध्यक्ष बनी रहेंगी। राहुल अभी यह दायित्व नहीं संभालेंगे। सोलहवीं लोकसभा में सोनिया अमेठी से सांसद हैं और वह संप्रग अध्यक्ष के तौर पर विपक्ष का एक प्रमुख चेहरा हैं।
सोनिया कांग्रेस की ऐसी नेता थीं जो 1998 में सांसद बनने से पहले ही सीएलपी अध्यक्ष बन गयी थीं। पार्टी के वरिष्ठ नेता अनिल शास्त्री ने बताया कि सोनिया से पहले पार्टी का कोई ऐसा नेता नहीं था जो सांसद बने बिना ही सीएलपी नेता बना हो।
उन्होंने कहा कि सोनिया को सीएलपी नेता बनाने के लिए पार्टी संविधान में संशोधन किया गया। इसके बाद 1999 में सोनिया ने कर्नाटक के बेल्लारी तथा उत्तर प्रदेश के अमेठी संसदीय क्षेत्रों से चुनाव लड़ा था। उन्होंने दोनों सीटों पर जीत दर्ज की किंतु बाद में उन्होंने बेल्लारी सीट छोड़ दी।
सोनिया 1999 के बाद से लगातार अमेठी से लोकसभा चुनाव जीतती आयी हैं। साथ ही वह 1998 से लगातार सीएलपी नेता का दायित्व भी अभी तक निभा रही हैं। (भाषा)