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चिराग-पारस के सियासी संग्राम के बीच EC ने LJP का चुनाव चिन्ह किया फ्रीज

हमें फॉलो करें चिराग-पारस के सियासी संग्राम के बीच EC ने LJP का चुनाव चिन्ह किया फ्रीज
, शनिवार, 2 अक्टूबर 2021 (20:00 IST)
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने शनिवार को चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस धड़ों द्वारा लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के नाम या उसके चिह्न 'बंगले' का इस्तेमाल करने पर तब तक रोक लगा दी जब तक कि आयोग प्रतिद्वंद्वी समूहों के बीच विवाद का निपटारा नहीं कर देता।
 
आयोग ने यह भी कहा कि दोनों धड़े बिहार में आने वाले दिनों में दो विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव में अपने उम्मीदवारों को उतारने के वास्ते उपलब्ध चिह्नों का उपयोग कर सकते हैं। आदेश में कहा गया है कि दोनों समूहों को ऐसे नामों से जाना जाएगा, जो वे अपने संबंधित समूहों के लिए चुन सकते हैं, जिसमें वे चाहें तो अपनी मूल पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी के साथ संबंध भी शामिल कर सकते हैं।
 
बिहार में कुशेश्वर स्थान और तारापुर विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव 30 अक्टूबर को होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा और चुनाव आयुक्तों राजीव कुमार और अनूप चंद्र पांडेय द्वारा हस्ताक्षरित अंतरिम आदेश, बिहार में दो विधानसभा क्षेत्रों सहित पूरे भारत में 30 विधानसभा सीटों और तीन लोकसभा सीटों के लिए 30 अक्टूबर को उपचुनाव को शामिल करता है। 
 
चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 के प्रावधानों के अनुसार यह आदेश ‘‘मामले में विवाद के अंतिम निर्धारण तक जारी रहेगा। चुनाव आयोग (ईसी) ने उल्लेखित किया कि अंतिम समाधान, जैसा कि एक धड़े द्वारा मांग की गई थी, 8 अक्टूबर से पहले संभव नहीं। उपचुनाव के लिए नामांकन की तारीख 1 अक्टूबर से शुरू हुई थी और 8 अक्टूबर को बंद होगी।
 
चुनाव आयोग ने कहा कि वह अंतरिम आदेश जारी कर रहा है जिसका उद्देश्य दोनों प्रतिद्वंद्वी समूहों को समान स्थिति में रखना और उनके अधिकारों एवं हितों की रक्षा करना है। आदेश में कहा गया है कि पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान के नेतृत्व वाले दो समूहों में से किसी को भी लोक जनशक्ति पार्टी के नाम का उपयोग करने की अनुमति नहीं होगी ... ना ही दोनों समूहों में से किसी को भी 'बंगला' चिह्न का उपयोग करने की अनुमति ही दी जाएगी, जो लोक जनशक्ति पार्टी के लिए आरक्षित है।’’
 
इसने कहा कि दोनों समूह अपनी पसंद के नाम चुनने के लिए स्वतंत्र हैं, जिसमें उनकी मूल पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी के साथ जुड़ाव भी शामिल है। आदेश में कहा गया है कि दोनों समूहों को बिहार के कुशेश्वर स्थान और तारापुर विधानसभा क्षेत्रों सहित मौजूदा उपचुनावों के लिए चुनाव आयोग द्वारा अधिसूचित खाली चिह्नों की सूची में से ऐसे अलग-अलग चुनाव चिह्न आवंटित किए जाएंगे।
 
दोनों समूहों को निर्देश दिया गया है कि वे सोमवार, 4 अक्टूबर को अपराह्न एक बजे तक अपने उन समूहों के नाम, जिनके द्वारा वे चाहते हैं कि आयोग उन्हें मान्यता दें और चुनाव चिह्न जो संबंधित समूहों के उम्मीदवारों, यदि कोई हो, को आवंटित किया जा सकता है, प्रस्तुत करें। 
 
चुनाव आयोग ने कहा कि वे अपनी पसंद के क्रम में तीन खाली चिह्न के नाम बता सकते हैं, जिनमें से कोई भी आयोग द्वारा उनके उम्मीदवारों को आवंटित किया जा सकता है। पिछले साल लोजपा नेता रामविलास पासवान के निधन के बाद उनके बेटे चिराग पासवान और दिवंगत नेता के भाई पारस ने पार्टी नेतृत्व पर दावा पेश किया था और इस संबंध में चुनाव आयोग से संपर्क किया था।

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