हरिद्वार। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने जोशीमठ के लोगों के लिए विशेष राहत पैकेज की मांग की है। इस मामले में शंकराचार्य ने वकील के जरिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। उल्लेखनीय है कि आपदा के चलते हजारों लोगों का जीवन खतरे में है और मकान किसी भी वक्त ढह सकते हैं। शुक्रवार को ही जोशी में एक मंदिर ढह गया था।
शंकराचार्य ने अपने वकील के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है और शीर्ष अदालत से सरकार को प्रभावित लोगों के पुनर्वास और उनको आर्थिक मदद मुहैया कराने का आदेश देने की अपील की है। इसके साथ ही शंकराचार्य ने अपनी याचिका में कहा है कि केंद्र और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को इस मामले में तुरंत और कारगर कदम उठाने के आदेश दिए जाएं।
हिमालयी क्षेत्र को बर्बाद करने का आरोप : उत्तराखंड के जोशीमठ में बड़े पैमाने पर जारी निर्माण गतिविधियों के कारण जमीन धंसने और इमारतों में दरार पड़ने से स्थानीय लोगों के जीवन पर खतरा मंडराने लगा है। विकास के नाम पर हिमालयी क्षेत्र को सुनियोजित तरीके से बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए शंकराचार्य ने कहा कि सीमावर्ती नगर में रह रहे हजारों लोगों का जीवन खतरे में है।
भगवान का भी पुनर्वास : जोशीमठ के रास्ते में शंकराचार्य ने कहा कि सरकार को नगर के लोगों के लिए एक बार के राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए।
उन्होंने जोशीमठ को धार्मिक एवं सांस्कृतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण नगर करार देते हुए कहा कि भगवान विष्णु, जिन्हें बदरीनाथ मंदिर समर्पित है, सर्दियों में उनकी पूजा-अर्चना भी जोशीमठ के नरसिंह मंदिर में की जाती है। शंकराचार्य ने कहा कि नगर के हजारों बाशिंदों की तरह ही भगवान का भी पुनर्वास करने की जरूरत पड़ सकती है। (वेबदुनिया/एजेंसी)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala