नई दिल्ली। भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377 को समाप्त करने को लेकर राजधानी के होटल कारोबारी केशव सूरी की ओर से याचिका दायर किए जाने के छह दिन बाद इस संबंध में दो और याचिकाएं उच्चतम न्यायालय में दायर की गई हैं।
अशोक राव कवि और आरिफ जफर ने शीर्ष अदालत में याचिकाएं दायर करके समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी में रखने वाली धारा 377 को समाप्त करने की मांग की है।
दोनों याचिकाकर्ताओं की ओर से मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की पीठ के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख किया गया, जिसके बाद न्यायालय ने मामले की सुनवाई एक मई को करने का निर्णय लिया है। सूरी की याचिका पर शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर रखा है। (वार्ता)