मुंबई : SEBI के कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन, चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच के इस्तीफे की मांग

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
गुरुवार, 5 सितम्बर 2024 (20:34 IST)
Madhavi Puri Buch : पूंजी बाजार नियामक सेबी (SEBI) की मुखिया माधवी पुरी बुच के इस्तीफे की मांग को लेकर गुरुवार को बड़ी संख्या में सेबी कर्मचारियों ने मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के मुंबई स्थित मुख्यालय के बाहर 200 से अधिक कर्मचारियों ने मौन विरोध प्रदर्शन किया। यहां पर सेबी की चेयरपर्सन बुच और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के कार्यालय हैं। कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को माधबी बुच पर पद के दुरुपयोग का आरोप लगाया था। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा था कि SEBI की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच ICICI बैंक से रिटायरमेंट के बाद भी सैलरी ले रही थीं।
 
प्रदर्शनकारी कर्मचारियों में से किसी ने भी मीडिया से बात नहीं की लेकिन कथित तौर पर प्रदर्शनकारियों के बनाए एक पर्चे में बुच से इस्तीफा देने की मांग की गई है। इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों ने बाजार नियामक की तरफ से बुधवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति को वापस लेने की मांग भी की।
ALSO READ: बड़ा खुलासा, ICICI बैंक से 16.80 करोड़ रुपए रेगुलर इनकम ले रही थीं माधवी बुच
सेबी के प्रदर्शनकारी कर्मचारी मुख्यालय के सामने इकट्ठा हुए और करीब 90 मिनट तक उनका प्रदर्शन जारी रहा। बुच के लिए कर्मचारियों का विरोध और कई आंतरिक मुद्दे ऐसे समय में सामने आए हैं जब वह अपने कार्यकाल के सबसे चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रही हैं।
 
बैंकर से बाजार नियामक बनीं बुच पर पिछले महीने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में भी गंभीर आरोप लगाए गए थे। उन पर हितों के टकराव की वजह से अदाणी समूह और इसके इर्द-गिर्द लगे आरोपों की जांच में धीमी गति से काम करने का आरोप लगा।
 
हालांकि, सेबी कर्मचारियों के विरोध का यह पहला मामला नहीं है। एक महीने पहले भी कुछ कर्मचारियों ने इसी तरह का विरोध प्रदर्शन किया था। उस समय अधिकारियों ने कहा था कि विरोध प्रदर्शन कुछ तत्वों द्वारा किया जा रहा है और उन्हें मान्यता-प्राप्त कर्मचारी संगठनों का समर्थन नहीं है।
 
सेबी के करीब 500 कर्मचारियों ने शीर्ष प्रबंधन के खिलाफ छह अगस्त को वित्त मंत्रालय को पत्र लिखकर संगठन में ‘विषाक्त’ कामकाजी माहौल होने का आरोप लगाया था। कर्मचारियों ने उस पत्र में सार्वजनिक रूप से अपमानित करने और चीखने-चिल्लाने के आरोप भी लगाए थे।
 
इस संबंध में मीडिया में खबरें आने के बाद सेबी ने बुधवार को एक बयान जारी कर इन दावों को 'गलत' बताया था। प्रबंधन के इस रुख की वजह से कर्मचारी नाराज हो गए और उन्होंने गुरुवार को मुख्यालय पर प्रदर्शन किया।
 
सेबी ने एक दिन पहले अपनी विज्ञप्ति में कहा था कि छह अगस्त, 2024 के पत्र में गैर-पेशेवर कार्य संस्कृति के बारे में किए गए दावे गलत हैं। सेबी के मुताबिक, यह पत्र सेबी कर्मचारी संगठनों ने सरकार (और मीडिया के एक वर्ग) को नहीं भेजा था।
ALSO READ: Hindenburg Research : हिंडनबर्ग के आरोप 'चरित्र हनन' का प्रयास, SEBI चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच का बड़ा बयान
नियामक ने कहा कि उसके कनिष्ठ अधिकारियों को कुछ बाहरी पक्षों से संदेश मिल रहे हैं, जो उन्हें ‘मीडिया, मंत्रालय या बोर्ड में जाने’ के लिए उकसा रहे हैं। उसका मानना है कि बाहरी लोग संभवतः अपने एजेंडा के लिए ऐसा कर रहे हैं। इनपुट भाषा

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

India-Pakistan War : पाकिस्तान पर काल बनकर बरसीं ये स्वदेशी मिसाइलें, आतंक के आका को सदियों तक रहेगा भारतीय हमले का सदमा

डोनाल्ड ट्रंप ने दिया संकेत, भारत ने की अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क घटाने की पेशकश

भारत और PAK के बीच मध्यस्थता वाले बयान से पलटे Donald Trump, बोले- मैंने मदद की

कर्नल सोफिया कुरैशी के बाद अब विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर विवादित बयान, जानिए रामगोपाल यादव ने क्या कहा

Donald Trump ने Apple के CEO से कहा- भारत में बंद करें iPhone बनाना, सबसे ज्यादा टैरिफ वाला देश, बेचना मुश्किल

सभी देखें

नवीनतम

तुर्किए को भारत ने दी पाकिस्तान का साथ देने की सजा, सेलेबी एविएशन की हो गई छुट्टी

पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय की 100 कब्रों को किया अपवित्र

जनसत्ता दल सुप्रीमो रघुराज प्रताप सिंह पहुंचे रामलला के दरबार में

उत्तरप्रदेश के हरदोई में ऑटो-ट्रक की टक्कर में 6 लोगों की मौत

India-Pakistan War : पाकिस्तान पर काल बनकर बरसीं ये स्वदेशी मिसाइलें, आतंक के आका को सदियों तक रहेगा भारतीय हमले का सदमा

अगला लेख