संदेशखालि हिंसा : NHRC ने पश्चिम बंगाल सरकार, DGP को नोटिस जारी किया
VHP ने की राष्ट्रपति शासन की मांग
Sandeshkhali violence: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने उन खबरों को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य के पुलिस प्रमुख को नोटिस भेजा है जिनमें संदेशखालि में जारी हिंसा के कारण मानवाधिकारों के लगातार उल्लंघन का आरोप लगाया गया है।
उन्होंने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए, आयोग ने उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखालि में मानवाधिकारों के उल्लंघन संबंधी घटनाओं की जांच करके तथ्यों का पता लगाने के लिए अपनी टीम तैनात करने का भी निर्णय लिया है।
एक बयान में कहा गया है कि टीम का नेतृत्व एनएचआरसी के एक सदस्य द्वारा किया जाएगा, जिनकी सहायता आयोग के अधिकारी करेंगे।
इसमें कहा गया है कि एनएचआरसी ने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की उन खबरों का स्वत: संज्ञान लिया है जिनमें आरोप लगाया गया है कि पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना के संदेशखालि में, एक राजनीतिक व्यक्ति के समर्थकों द्वारा निर्दोष और गरीब महिलाओं को प्रताड़ित किया गया है और उनका यौन उत्पीड़न किया गया है।
बयान में कहा गया है कि इसके परिणामस्वरूप, पिछले कुछ दिन से, स्थानीय ग्रामीणों ने विभिन्न गुंडों और असामाजिक तत्वों द्वारा अंजाम दी गई आपराधिक गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई के लिए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
आयोग ने कहा कि यह भी बताया गया है कि महिलाओं के साथ-साथ बच्चों और वृद्ध व्यक्तियों की सुरक्षा को कथित तौर पर खतरे में डाला गया है।
आयोग ने पाया है कि संदेशखालि में हाल की घटनाओं जिनका जिक्र विभिन्न प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की खबरों में किया गया है, और ये खबरें प्रथमदृष्टया मानवाधिकारों के उल्लंघन का संकेत देती है, जो अंतरात्मा को झकझोर देती है।
बयान में कहा गया है कि तदनुसार, इसने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर इन घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ की गई या प्रस्तावित कार्रवाई के संबंध में चार सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है।
इसमें यह भी पूछा गया कि क्या पीड़ितों को कोई मुआवजा दिया गया या देने का प्रस्ताव है।
विहिप ने की राष्ट्रपति शासन की मांग : विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने पश्चिम बंगाल के संदेशखालि में महिलाओं के खिलाफ कथित अत्याचार को लेकर बुधवार को ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना की और सुझाव दिया कि केंद्र को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने पर विचार करना चाहिए।
विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने एक वीडियो संदेश में कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद बनर्जी सदंशखालि में महिलाओं के कथित बलात्कार और उत्पीड़न में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही हैं।
कुमार ने कहा कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) की छत्रछाया में लंबे समय से महिलाओं के खिलाफ अपराध हो रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री पर ऐसे मामलों में शामिल लोगों को बचाने का भी आरोप लगाया।