Sakshi Malik : कहते हैं आज के दौर में महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर आने चाहिए। किसी भी अन्याय का सामना करने के लिए यह ज़रूरी है।
पहलवानी एक ऐसी विधा है जिसमें देश की महिला पहलवानों ने भारत का गौरव बढ़ाया है। लेकिन जनवरी २०२३ में जानी-मानी महिला पहलवानों - साक्षी मालिक और विनेश फोगाट ने कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाए जिसमें सेक्सुअल हेरासमेंट का संगीन आरोप भी शामिल था ।
Bajrang Punia
मामले की जांच हुई लेकिन पहलवानों को कोई संतुष्टिपूर्ण जवाब नहीं मिला। इसके बाद पहलवानों ने जंतर-मंतर पर 23 अप्रेल को धरना प्रदर्शन किया। ऐसा पहली बार हुआ जब तीन ओलंपिक मेडलिस्ट और दो विश्व चेम्पियन रेसलर्स धरने पर बैठे हों ।
अब एक बार फिर बृज भूषण सिंह के करीबी संजय सिंह के WFI के अध्यक्ष पद का चुनाव जीतने के बाद मामले ने तूल पकड़ा है। नाराज़ रेसलर्स चाहते थे कि WFI के अध्यक्ष पद पर किसी महिला को होना चाहिए।
जीत के बाद बृज भूषण सिंह के समर्थकों ने पोस्टर लगाए जिस पर लिखा “दबदबा है, दबदबा रहेगा”।
इसके बाद देश के लिए ओलम्पिक मैडल जीतने वाली महिला पहलवान साक्षी मालिक ने रोते हुए कहा “हम नहीं जीत पाए”। और उन्होंने कुश्ती से सन्यास का ऐलान कर दिया। ऐसा कहते हुए उन्होंने अपने जूते मेज़ पर रख दिए। इसके बाद उनके समर्थन में रेसलर बजरंग पुनिया ने प्रधानमंत्री को लैटर लिख कर अपना पद्मश्री सम्मान PM आवास के पास बाहर रख दिया। उन्होने लिखा “ मैं महिला पहलवानों को अपमानित किए जाने के बाद सम्मानित बनकर अपनी ज़िन्दगी नहीं जी पाऊंगा। इसलिए मैं यह सम्मान लौटा रहा हूँ।
इस चुनाव के बाद यौन शोषण के खिलाफ़ पहलवानों को अपनी लड़ाई कमज़ोर लग रही है। न्याय की आस लगाए देश के पहलवानों का ये हाल देश देख रहा है। अब ये तो समय बताएगा कि इस दंगल में जीत किसकी होगी?