नई दिल्ली। क्लासिकल एवं मध्ययुगीन साहित्य तथा गैर मान्यता प्राप्त भाषाओं में उल्लेखनीय योगदान के लिए 9 विद्वानों को साहित्य अकादमी के भाषा सम्मान पुरस्कार से नवाजा जाएगा।
साहित्य अकादमी के सचिव के श्रीनिवास राव ने आज यहां इन सम्मानों की घोषणा करते हुए बताया कि 5 लेखकों को वर्ष 2017 तथा 4 लेखकों को वर्ष 2018 के लिए यह पुरस्कार मिलेगा। पुरस्कार में प्रत्येक विद्वान को एक-एक लाख रुपए, प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिह्न प्रदान किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि क्लासिकल और मध्ययुगीन साहित्य के लिए 2017 का सम्मान जैन साहित्य के विशेषज्ञ डॉ. योगेंद्र नाथ शर्मा ‘अरुण’ और कन्नड़ के शब्द कोशनिर्माता जी. वेंकेंट सुब्बैया को दिया जाएगा जबकि वर्ष 2018 के लिए उड़िया लेखक डॉ. गजेंद्र नाथ दास और मराठी लेखिका डॉ. शैलजा बापट को दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि गैर मान्यता प्राप्त भाषाओं के लिए 2017 का यह सम्मान पेत जनजातीय भाषा के विद्वान एच. नेंगसोंग और कोशिली-संबलपुर भाषाविद डॉ. हलदर नाग एवं डॉ. प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी को संयुक्त रूप से दिया जाएगा। वर्ष 2018 के लिए यह सम्मान हरियाणावी भाषा के विद्वान हरिकृष्ण द्विवेदी और शमिम शर्मा को दिया जाएगा।