Hanuman Chalisa

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

Trends: दिल्ली हिंसा की आरोपी ‘सफूरा जरगर’ की ‘प्रेग्‍नेंसी’ पर सोशल मीडि‍या में बवाल

Advertiesment
हमें फॉलो करें Twitter Trending

नवीन रांगियाल

, शनिवार, 6 जून 2020 (15:59 IST)
राजधानी दि‍ल्‍ली की एक अदालत ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में यूएपीए कानून के तहत गिरफ्तार जामिया समन्वय समिति (जेसीसी) की सदस्य सफूरा जरगर की जमानत अर्जी खारिज कर दी।

अदालत ने अर्जी खारिज करते हुए कहा कि जब आप अंगारे के साथ खेलते हैं, तो चिंगारी से आग भड़कने के लिए हवा को दोष नहीं दे सकते।

लेक‍िन इसी बीच ट्व‍िटर पर प्रेग्‍नेंसी को लेकर बहस और ट्रेंड‍ चल रहा है। दरअसल सफूरा जरगर अभी प्रेग्‍नेंट है। ऐसे में उन्‍हें जमानत नहीं म‍िल पाने की वजह से सोशल मीडि‍या से लेकर नेशनल मीड‍िया तक प्रेग्नेंसी को लेकर बहस शुरू हो गई है।

जामिया मिल्लिया इस्लामिया में एम फिल की छात्रा जरगर चार माह की गर्भवती हैं
मामले को लेकर सोशल मीड‍िया पर हंगामा है। ‘प्रेग्‍नेंट’ नाम से चल रहे ट्रेंड में अब तक 15 हजार से ज्‍यादा लोग ट्वीट और र‍ी-ट्वीट कर चुके हैं। कुछ लोगों का कहना है क‍ि-
Twitter Trending

व‍िक्‍ट‍िम कार्ड खेलना कोई इन लोगों से सीखे। जब दंगे करवाए तब ठीक था और अब प्रेग्‍नेंसी का हवाला देकर कानूनी कार्रवाई से बचना चाहते हैं

एक यूजर जय कौशल ने ल‍िखा है क‍ि बंगाल में एक आरएसएस स्‍वयंसेवक और उसकी पत्‍नी की हत्‍या कर दी गई तब वो प्रेग्‍नेंट थी तब क‍िसी ने आवाज क्‍यों नहीं उठाई

यूजर राहुल कुमार ने प‍िछले द‍ि‍नों केरल में मारी गई हथि‍नी और एक प्रेग्‍नेंट महि‍ला का स्‍कैच लगाकर कैप्‍शन में ल‍िखा है क‍ि- साइलेंस प्‍लीज अदरवाइज यू व‍िल बि‍कम एंटी-नेशनल।
यही है भारत। एक गर्भवती हथि‍नी की हत्‍या पर देश ने र‍िएक्‍ट क‍िया और एक प्रेग्‍नेंट मह‍िला को जमानत नहीं म‍िलने पर भी चुप है

एक यूजर राहुल रंजन ने ल‍िखा,
प्रेग्‍नेंसी का अपराध से कोई लेना देना नहीं है। कुछ द‍िनों पहले मुर्शि‍दाबाद में ह‍िंदू पर‍िवार की हत्‍या कर दी गई थी इसमें एक गर्भवती मह‍िला भी शाम‍िल थी। तब क्‍या हो गया था।

इधर अदालत ने सफूरा की जमानत अर्जी खार‍िज करते हुए व‍िस्‍तार से कहा कि
भले ही सफूरा जरगर ने हिंसा का कोई प्रत्यक्ष कार्य नहीं किया, लेकिन वह गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों के तहत अपने दायित्व से बच नहीं सकती हैं अदालत ने यह भी कहा,
सह-षड्यंत्रकारियों के कृत्य और भड़काऊ भाषण भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत आरोपी के खिलाफ भी स्वीकार्य हैं’
Twitter Trending

वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई सुनवाई में, पुलिस ने अदालत से कहा कि जरगर ने भीड़ को भड़काने के लिए कथित रूप से भड़काऊ भाषण दिया, जिससे फरवरी में दंगे हुए।

पुल‍िस के मुताबि‍क प्रदर्शन के दौरान जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे सड़क को कथित रूप से ब्लॉक किया था और लोगों को भड़काया था, जिसके बाद इलाके में दंगे शुरू हुए। यह पूर्व न‍ियोज‍ित साज‍िश का ह‍िस्‍सा थी।
जबक‍ि जरगर के वकील का कहना है क‍ि उन्हें मामले में फंसाया जा रहा है और साजिश में उनकी कोई भूमिका नहीं है।

उल्‍लेखनीय है क‍ि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर इसके विरोधियों और समर्थकों के बीच द‍िल्‍ली में हिंसा हुई थी। जि‍समें कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी।

आखि‍र कौन है सफूरा जरगर?
जम्मू में जन्मी और दिल्ली में पली-बढ़ी सफूरा जरगर जामिया मिलिया की छात्रा हैं, जो इस संस्थान से सोशियोलॉजी में एमफिल कर रही हैं, साथ ही वे जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी (जेसीसी) की मीडिया संयोजक भी हैं।
वह दिल्ली यूनिवर्सिटी के जीसस एंड मेरी कॉलेज से ग्रैजुएशन कर चुकी हैं और यूनिवर्सिटी के विमेन डेवलपमेंट सेल की सदस्य थीं और साथ में कैंपस से छपने वाली पत्रिका के प्रकाशन से भी जुड़ी हुई थीं।

सफूरा ने लगभग दो साल तक मार्केटिंग में करिअर बनाने की दिशा में मेहनत की, लेकिन इसे बीच में ही छोड़कर जामिया में दाखिला ले लिया। बीते साल के अंत में केंद्र सरकार के विवादित नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुए कई प्रदर्शनों में वे शामिल रही हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

14 दिन की होगी अमरनाथ यात्रा, श्रद्धालुओं की आयुसीमा तय