गुरुग्राम-नई दिल्ली। गुरुग्राम स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल के परिसर में सात साल के एक बच्चे की निर्मम हत्या के बाद स्कूल के दो शीर्ष अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि कार्यवाहक प्रधानाचार्य को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
पीड़ित बच्चे के पिता ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग करते हुए उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की। वहीं रेयान इंटरनेशनल स्कूल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रेयान पिंटो और उनके माता-पिता ने स्कूल परिसर में बच्चे की हत्या के सिलसिले में आज अग्रिम जमानत के लिए बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। पिंटो के माता-पिता स्कूल के संस्थापक भी हैं।
इस बीच सोहना रोड सदर पुलिस स्टेशन के थाना प्रभारी को स्कूल परिसर के बाहर प्रदर्शन कर रहे अभिभावकों और रिपोर्टिंग करने आए पत्रकारों पर लाठीचार्ज को लेकर निलंबित कर दिया गया है।
इस घटना के विरोध में अन्य स्थानों पर प्रदर्शन जारी रहे और रेयान स्कूल की नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा शाखाओं में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावकों ने छात्रों की सुरक्षा के संबंध में आश्वासन मांगा।
गुरुग्राम पुलिस प्रमुख संदीप खैरवार ने कहा कि स्कूल के कानूनी मामलों के प्रमुख फ्रांसिस थॉमस और मानव संसाधन प्रमुख जेयस थॉमस को पूछताछ के बाद रविवार रात गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने बताया कि कार्यवाहक प्रधानाचार्या नीरजा बत्रा को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है। उन्हें जल्द ही गिरफ्तार किया जा सकता है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि तीन सदस्यीय जांच दल की रिपोर्ट में इस स्कूल में सुरक्षा व्यवस्था में चूक की ओर संकेत किया गया है। इस रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने स्कूल के दो शीर्ष अधिकारियों को किशोर न्याय कानून की धारा 75 के तहत गिरफ्तार किया ।
दूसरी कक्षा के छात्र का शव गत शुक्रवार को स्कूल के शौचालय में मिला था। उसकी गला रेतकर हत्या की गई थी। इस मामले में बस परिचालक अशोक कुमार को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है।
लोगों में व्यापक रोष पैदा करने वाले इस मामले की जांच के लिए पुलिस के 14 दल गठित किए गए हैं। एक विशेष जांच टीम स्कूल के सीईओ पिंटो और निदेशक अल्बर्ट पिंटो से पूछताछ के लिए मुंबई पहुंचेगी।
पीड़ित बच्चे के पिता ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने का अनुरोध करते हुए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। इस याचिका पर न्यायालय ने केन्द्र और हरियाणा सरकार से जवाब मांगा।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने इस तरह की घटनाओं के मामले में स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी निर्धारित करने और स्कूल में बच्चों की सुरक्षा के लिए दिशानिर्देश बनाने के अनुरोध पर केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से भी जवाब मांगा है। बोर्ड को तीन सप्ताह के भीतर जवाब देना है।
संक्षिप्त सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि ‘यह याचिका सिर्फ संबंधित स्कूल तक सीमित नहीं है क्योंकि इसका देशव्यापी प्रभाव है।’ बच्चे के पिता वरूण चन्द्र ठाकुर ने वकील सुशील टेकरीवाल के माध्यम से दायर याचिका में कहा कि इस संबंध में शीर्ष अदालत की निगरानी में सीबीआई से स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कराई जानी चाहिए।
स्कूल के संस्थापक अध्यक्ष ऑगस्टीन पिंटो (73 साल) और उनकी पत्नी तथा स्कूल की प्रबंध निदेशक ग्रेस पिंटो (62 साल) ने अपने बेटे रेयान पिंटो के साथ बंबई उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की है। उनके वकील नितिन प्रधान ने न्यायमूर्ति अजय गडकरी के समक्ष सुबह यह याचिका लगाई। इस मामले में कल सुनवाई होगी।
याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में कहा कि बच्चे की मौत दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन प्रबंधन को अपराधी नहीं ठहराया जा सकता और वे खुद दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों के पीड़ित हैं। याचिका में कहा गया, ‘इस मौत से न सिर्फ बच्चे के माता-पिता और परिवार को गहरा दु:ख हुआ है बल्कि न्यासी, प्रबंधन, कर्मचारी और स्कूल के छात्र भी बेहद दुखी हैं।’
तीनों ने अपनी जमानत याचिकाओं में कहा, ‘यह सिर्फ परिवार के लिए ही नहीं बल्कि संस्थान के लिए भी सबसे अंधकारमय क्षण हैं। पिछले चार दशक में संस्थान की स्थापना के बाद यह पहला मौका है जब इस तरह की घटना हुई है।’
उन्होंने कहा कि कानून और विवेक के मुताबिक छात्रों की सुरक्षा और कुशलता के लिये सभी आवश्यक कदम उठाने के बावजूद, अगर ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण हादसा होता है तो संस्थान को अपराधी नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि वह खुद दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों का पीड़ित है।
इस बीच गुरुग्राम में इस समूह के सभी स्कूलों को आज और कल तक के लिए बंद कर दिया गया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने कल स्कूल के बाहर लाठी चार्ज की घटना को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया था। विरोध प्रदर्शन की रिपोर्टिंग कर रहे कुछ मीडियाकर्मी भी इस लाठी चार्ज के दौरान घायल हो गए थे। मुख्यमंत्री ने संबंधित पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए थे।
बच्चे की हत्या की सीबीआई से जांच कराने की मांग करते हुए सैकड़ों अभिभावकों ने कल स्कूल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था। पुलिस उपायुक्त और गुरुग्राम पुलिस के प्रमुख जनसंपर्क अधिकारी मनीष सेहगल ने कहा कि स्कूल के बाहर रविवार की सुबह गुस्साई भीड़ और पत्रकारों पर लाठी चार्ज कराने के लिए गुरुग्राम पुलिस आयुक्त ने सदर सोहना प्रभारी को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस कार्रवाई के दौरान घायल हुए मीडियाकर्मियों के इलाज का खर्च सरकार वहन करेगी।
रेयान स्कूल पर आरोप : रेयान स्कूल पर आरोप है कि वारदात के बाद साक्ष्य मिटाने का काम किया। बच्चों से ही बरामदे का खून साफ कराया। हेल्पर अशोक द्वारा हत्या का पता होने पर उसे पुलिस को सौंपने में देर की। हत्या में प्रयुक्त चाकू भी धो दिया, ताकि कातिल के प्रिंगर प्रिंट न मिलें। हत्या को पहले ब्लू व्हेल गेम से जोड़ गुमराह करने का प्रयास किया।
छात्र की मां ज्योति ठाकुर ने जब-जब इस बात का विरोध किया कि उसका बच्चा मोबाइल से दूर रहता था। तब अध्यापिका के सुर बदले। ज्योति का कहना है कि महिला शिक्षिका ने इसके बाद भी कई अभिभावकों को यही बताया कि लगता है बच्चे ने गेम के चक्कर में खुद को मार लिया।
पालकों का आरोप था कि स्कूल के ड्राइवर, कंडक्टर व अन्य लोग खाली समय में यहां शराब पीकर स्कूल आ जाते थे। स्कूल संचालक पर केस दर्ज पुलिस ने स्कूल के संचालक और प्रबंधन के खिलाफ बाल अपराध अधिनियम तथा अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। भोंडसी थाने में दर्ज एफआईआर के साथ पदनाम भी जोड़े गए हैं।