नई दिल्ली। व्हाट्सऐप का साइड इफेक्ट तब सामने आया, जब गुरुवार रात पूर्व प्रधानमंत्री और भाजपा नेता अटल बिहारी वाजपेयी के निधन की अफवाह फैल गई। इतना ही नहीं लोगों ने सच की पुष्टि किए बिना ही वयोवृद्ध नेता को श्रद्धांजलि तक दे दी।
बताया जाता है कि इस अफवाह की शुरुआत राजस्थान के जयपुर और जोधपुर से हुई थी और फिर देखते-देखते ही यह खबर वायरल हो गई। दुर्भाग्य से किसी ने भी इस खबर की सत्यता की पुष्टि करने की जहमत नहीं उठाई। श्रद्धांजलि देने का सिलसिला जरूर शुरू कर दिया। हालांकि कुछ लोगों ने रिप्लाय करते हुए इसे झूठा भी बताया।
गौरतलब है कि इससे पहले भी अटलजी के निधन की अफवाह सितंबर 2015 में जब उड़ीसा के बालासोर जिले के एक प्राइमरी स्कूल में श्रद्धांजलि सभा तक का आयोजन कर दिया गया था। इतना ही नहीं श्रद्धांजलि के बाद स्कूल की छुट्टी भी कर दी गई।