उडुपी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने अयोध्या में राम मंदिर विवाद पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि विवादित जगह पर सिर्फ राम मंदिर बनेगा और कुछ नहीं। भागवत के इस बयान पर मुस्लिम संगठनों ने कड़ी नाराजगी जाहिर की।
विहिप नेताओं के महासमागम ‘धर्मसंसद’ को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि अयोध्या में राममंदिर ही बनेगा। उन्होंने कहा कि यह कोई लोकप्रिय घोषणा नहीं बल्कि हमारी आस्था का मामला है।
संघ प्रमुख ने कहा कि कई सालों की कोशिश और बलिदान के बाद अब यह (राममंदिर का निर्माण) संभव जान पड़ता है। हालांकि वह उल्लेख करना नहीं भूले कि मामला अदालत में है।
भागवत ने कहा कि मंदिर उन्हीं पत्थरों से बनेगा और उन्ही की अनुआई में बनेगा जो इसका झंडा लेकर पिछले 25 सालों से चल रह हैं। हम अपना लक्ष्य हासिल करने के करीब हैं लेकिन इस मोड़ पर पर हमें अधिक चौकस रहने की जरुरत है।
एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार, बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के कन्वेनर और वकील जफरयाब जिलानी ने इसे सुप्रीम कोर्ट को चुनौती करार दिया है। जिलानी ने कहा है कि संविधान के अनुसार सुप्रीम कोर्ट सर्वोच्च अथॉरिटी है और वो यह तय करेगी कि मंदिर कहां बनना है और कहां नहीं।
राम मंदिर पर संघ प्रमुख के बयान पर एमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय इस बयान पर संज्ञान लेगा।