चंडीगढ़। सऊदी अरब में फंसे 3,000 भारतीय श्रमिकों को बड़ी राहत देते हुए केंद्र सरकार ने देश लौटने की इच्छा रखने वाले श्रमिकों को वापसी टिकट मुहैया कराने की बात कही है। यही नहीं, केंद्र सरकार का कहना है कि जो वहां रूककर काम करना चाहते हैं उनके आवासीय परमिट को नवीनीकृत करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने गुरुवार को यह जानकारी दी। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के एक पत्र को उद्धृत करते हुए बादल ने कहा कि रियाद में भारतीय मिशन उन 13 निर्माणस्थलों का निरीक्षण कर रहा है, जहां भारतीय श्रमिक रह रहे हैं। मिशन भारतीय श्रमिकों की कुशलता खास तौर पर उनके इलाज और दवाई की जरूरत को पूरा करने के लिए उनके साथ है।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री बादल ने इस मुद्दे को विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाते हुए इशारा किया था कि वहां फंसे हुए लोगों में से 1,000 पंजाब के हैं।
सऊदी अरब में फंसे भारतीय श्रमिकों को उनके नियोक्ता ने वेतन नहीं दिया है और उनके वीजा और आवासीय परमिट की समयसीमा भी समाप्त हो चुकी है। बादल ने कहा कि विदेश मंत्री स्वराज ने उन्हें भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदम की जानकारी देते हुए पत्र लिखा।
पत्र को उद्धृत करते हुए बादल ने कहा कि इन श्रमिकों को सऊदी अरब की एक बड़ी निर्माण कंपनी ने नौकरी दी थी। वित्तीय नुकसान की वजह से यह कंपनी बंद हो गई।
उन्होंने कहा कि भारतीय अधिकारी वहां श्रमिकों के आवासीय परमिट के नवीनीकरण को सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं ताकि वहां अब भी काम करने की इच्छा रखने वाले रह सकें। स्वराज ने उन्हें यह भी बताया कि उन्होंने सऊदी अरब के विदेश मंत्री सहित संबंधित सऊदी अधिकारियों से बातचीत की है।
बादल ने कहा कि भारतीय मिशन संबंधित कंपनी के अधिकारियों के भी संपर्क में है ताकि श्रमिकों को उनका बकाया वेतन मिल जाए।
उन्होंने कहा कि वैसे श्रमिक जो भारत लौटना चाहते हैं, उन्हें टिकट देने की व्यवस्था भी की गई है। (भाषा)