नई दिल्ली। एक व्यक्ति को धर्म के आधार पर डिलेवरी बॉय से खाना लेने से इंकार करना और उसे सोशल मीडिया पर बहस का विषय बनाना खासा महंगा पड़ गया। उसे सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किया गया। साथ ही भोजन आपूर्ति करने वाली कंपनी जोमैटो ने अपने एक ग्राहक के धार्मिक भेदभाव वाले रवैए का जिस तरह से मुकाबला किया है, उसकी जमकर सराहना भी हो रही है।
कंपनी ने अपने नेटवर्क पर भोजन पैकेट पहुंचाने वाले एक लड़के के धर्म को लेकर ग्राहक की शिकायत को सुनने से इनकार कर दिया। कंपनी के पक्ष में खड़े लोगों में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एस वाई कुरैशी जैसी हस्तियों के भी नाम हैं।
मध्यप्रदेश के जबलपुर के रहने वाले अमित शुक्ला ने जोमैटो से खाना मंगाया। जब शुक्ला ने देखा कि खाना पहुंचाने आया मुस्लिम है, तो उसने जोमैटो से अलग डिलिवरी ब्वॉय भेजने को कहा।
शुक्ला ने मंगलवार की रात ट्वीट किया, 'अभी-अभी मैंने जोमैटो से एक ऑर्डर रद्द किया। उन्होंने मेरा खाना गैर-हिन्दू व्यक्ति के हाथ भेजा और कहा कि वे इसे न तो बदल सकते हैं और न ही आर्डर रद्द करने पर पैसा वापस कर सकते हैं। मैंने कहा कि आप मुझे खाना लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं। मुझे पैसा वापस नहीं चाहिए, बस ऑर्डर रद्द करो।'
उसने जोमैटो के कस्टमर केयर से की गई बातचीत का स्क्रीनशॉट भी लगाया और कहा कि वह अपने वकील से इस बारे में परामर्श करेगा।
जोमैटो ने इस ट्वीट के जवाब में लिखा, 'खाने का कोई धर्म नहीं होता है। खाना खुद ही एक धर्म है।' कंपनी इस रुख पर टिकी रही और डिलिवरी ब्वॉय बदलने से मना कर दिया।
जोमैटो के संस्थापक दीपेंद्र गोयल ने भी ट्वीट किया, 'हमें भारत के विचार और अपने शानदार उपभोक्ताओं एवं भागीदारों की विविधता पर गौरव है। अपने मूल्यों के कारण यदि हमारे कारोबार को कुछ नुकसान भी होता है तो हमें उसका अफसोस नहीं।'
उमर अब्दुल्ला ने जोमैटो की तारीफ करते हुए लिखा, 'सम्मान। मुझे आपका एप पसंद है। धन्यवाद जो आप लोगों ने इस एप का संचालन करने वाली कंपनी को पसंद करने का कारण दिया।' एस.वाई.कुरैशी ने भी लिखा, 'सलाम दीपेंद्र गोयल। आप भारत की वास्तविक तस्वीर हैं। हमें आपके ऊपर गर्व है।'