मुंबई। भारतीय वायुसेना की पायलट गुंजन सक्सेना की जिंदगी पर नेटफ्लिक्स पर एक फिल्म आई है। इस पर उठे एक विवाद के संदर्भ में वह कहती हैं कि वह खुशनसीब थीं कि उन्हें वायुसेना में अपने कमांडिंग अधिकारियों और वरिष्ठों का सहयोग मिला, लेकिन जब भी किसी संगठन में बड़ा बदलाव होता है तो कुछ लोगों को तालमेल बैठाने में दूसरों से ज्यादा समय लगता है।
वायुसेना ने सेंसर बोर्ड को पत्र लिखकर नेटफ्लिक्स पर बुधवार को रिलीज हुई फिल्म ‘गुंजन सक्सेना : द कारगिल गर्ल’ में अपनी छवि को नकारात्मक तरीके से दर्शाने पर आपत्ति जताई है। इसी सिलसिले में फ्लाइट लेफ्टिनेंट सक्सेना की प्रतिक्रिया आई है।
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, पत्र में वायुसेना में संस्थागत कार्य संस्कृति के रूप में फिल्म में लैंगिक पूर्वाग्रह
दर्शाने के संबंध में चिंताओं का जिक्र किया गया है। कारगिल युद्ध में पहली महिला पायलट बनने वाली सक्सेना ने एक बयान में कहा कि अनेक तरह के लोग होते हैं जो किसी संस्थान का माहौल तैयार करते हैं।
उन्होंने कहा कि जब आप किसी माहौल में होते हैं तो अनेक तरह के लोग होते हैं, जो माहौल बनाते हैं। इसलिए जब कोई बड़ा बदलाव होता है तो कुछ लोग इस बदलाव को बहुत अच्छे से स्वीकार करने के लिए तैयार होते हैं, वहीं कुछ को इस परिवर्तन के साथ सामंजस्य बैठाने में समय लगता है।
सक्सेना ने कहा कि यहां वास्तव में महत्वपूर्ण बात यह है कि कुछ लोगों को बदलने में समय लगा, लेकिन वे बदले, ऐसा हुआ और बहुत सकारात्मक तथा सही दिशा में हुआ।
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि मेरे आसपास के लोगों ने मेरा सहयोग किया। चाहे मेरा परिवार हो या वायुसेना के लोग हों। दोनों जगहों पर मुझे मेरे सपने को सच करने के लिए सहयोग मिला। सक्सेना ने यह भी साफ किया कि वायुसेना के अधिकारियों ने कभी पुरुष और महिला प्रशिक्षणार्थियों के बीच भेद नहीं किया।
उन्होंने कहा कि अपने जीवन पर फिल्म बनने पर उन्हें गर्व महसूस होता है और उम्मीद है कि इससे लड़कियों को
निडरता से अपने सपने पूरे करने की प्रेरणा मिलेगी। शरण शर्मा निर्देशित और धर्मा प्रोडक्शन द्वारा निर्मित इस फिल्म में जाह्नवी कपूर ने शीर्ष भूमिका निभाई है। अन्य प्रमुख कलाकारों में पंकज त्रिपाठी, अंगद बेदी, विनीत कुमार सिंह और मानव विज हैं। (भाषा)