नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर उर्जित पटेल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पटेल ने इस्तीफे की वजह निजी कारणों को बताया है। उन्हेोंने कहा कि आरबीआई में काम करना मेरे लिए सम्मान की बात है और आरबीआई की कामयाबी के पीछे बोर्ड और कर्मचारियों की कड़ी मेहनत है।
पिछले कुछ दिनों से केंद्र सरकार और आरबीआई में नीतियों को लेकर समन्वय नहीं हो पा रहा था। 14 दिसंबर को रिजर्व बैंक बोर्ड की बैठक के पहले उर्जित के जाने से सवाल उठ रहे हैं। 1990 के बाद उर्जित पहले रिजर्व बैंक गवर्नर थे जिन्होंने कार्यकाल पूरा होने से पहले इस्तीफा दे दिया है। उर्जित पटेल का 3 साल का कार्यकाल सितंबर 2019 में पूरा होने वाला था।
इस्तीफा देने के बाद उर्जित पटेल ने कहा कि व्यक्तिगत कारणों के चलते मैंने वर्तमान पद (आरबीआई के गवर्नर) से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देने का फैसला किया। वर्षों तक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अलग पदों पर काम करना मेरे लिए सम्मान की बात रही है।
गौरतलब है कि पिछले महीने सरकार और आरबीआई के बीच कई मामलों में खींचतान चली थी। इनमें वित्तीय घाटे को नियंत्रण में रखने के लिए आरबीआई रिजर्व राशि के बड़े हिस्से को सरकार को हस्तांतरित करना और बाजार में और तरलता लाना शामिल है।
सरकार और आरबीआई के बीच विवाद 26 अक्टूबर को आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य के मुंबई में एक व्याख्यान के दौरान खुलकर सामने आ गया। उस समय आचार्य ने कहा था कि जो सरकार केन्द्रीय बैंक की स्वायत्तता का सम्मान नहीं करती उसे देर-सबेर वित्तीय बाजार के आक्रोश का सामना करना पड़ता है।