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रामपुर में आजम खान के गढ़ को नहीं भेद पाई भाजपा,उपचुनाव में नहीं चला सीएम योगी का जादू

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विकास सिंह

, गुरुवार, 24 अक्टूबर 2019 (13:34 IST)
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की 11 सीटों पर हुए उपचुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बड़ा झटका दिया है। प्रतिष्ठा की सीट बनी रामपुर विधानसभा सीट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तमाम कोशिशों के बाद भी भाजपा सपा के दिग्गज नेता आजम खान के गढ़ को भेद नहीं पाई और लोकसभा चुनाव की तरह इस बार भी आजम खान अपना गढ़ बचाने में सफल रहे।

बेहद हाईप्रोफाइल चुनावी मुकाबले में सपा उम्मीदवार और आजम खान की पत्नी तंजीन फातिमा भाजपा उम्मीदवार भरत भूषण गुप्ता को बड़े अंतर से हराने की ओर आगे बढ़ रही है। तंजीन फातिमा की जीत का भले ही अभी आधिकारिक एलान नहीं हुआ है लेकिन उन्होंने भाजपा उम्मीदवार पर 20 हजार से अधिक वोटों की निर्णायक बढ़त बना ली है। 
 
चल गया आजम का इमोशनल कार्ड - लोकसभा चुनाव के बाद मुकदमों के जाल से घिरे सपा सांसद आजम खान के लिए रामपुर की जीत बहुत मायने रखती है। पूरे चुनाव प्रचार के दौरान आजम खान ने अपने को बदले की भावना का शिकार का बताते हुए एक पीड़ित राजनेता के तौर पर पेश किया था।

सपा सांसद आजम खान चुनाव प्रचार के दौरान कई बार भावुक नजर आए और उन्होंने अपने को योगी सरकार के पीड़ित के तौर पर दिखाया। उन्होंने अपने उपर दर्ज किए गए 80 से अधिक मुकदमों और परिवार के अन्य सदस्यों पर प्रशासन के कसते शिकंजे को इमोशनल तरीके से उठाकर वोटरों को रिझाने की जो कोशिश की उस पर नतीजों ने अपनी मोहर लगा दी है।   
 
आजम के गढ़ में नहीं चला योगी का जादू - लोकसभा चुनाव के बाद अब विधानसभा चुनाव में रामपुर में भाजपा की हार ने एक बार फिर भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी है। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले सत्ता के सेमीफाइनल के तौर पर देखे गए चुनाव में रामपुर की जीत ने आजम खान के साथ ही समाजवादी पार्टी को बड़ी संजीवनी दी है।

भाजपा की तरफ से खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस सीट पर जीत हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी लेकिन वह आजम खान के गढ़ को भेदने में कामयाब नजर नहीं आए। सपा सांसद लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में अपने कोर वोट बैंक को बिखरने से बचाने में सफल रहे।

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