Ram path Ayodhya : उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या में 14 किलोमीटर लंबे राम पथ के निर्माण और सीवर लाइन बिछाने में घोर लापरवाही बरतने के आरोप में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) तथा उत्तर प्रदेश जल निगम के छह अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।
बता दें कि सबसे पहले वेबदुनिया ने इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद यूपी का प्रशासन हरकत में आया और कार्रवाई की गई है। वेबदुनिया ने राम पथ की तस्वीरों के साथ इस खबर को प्रकाशित किया था।
बता दें कि पिछले शनिवार और मंगलवार रात हुई बारिश में यहां राम पथ के किनारे स्थित करीब 15 गलियां और सड़कें जलमग्न हो गई थीं। राम पथ के किनारे स्थित घरों में न सिर्फ बारिश का पानी घुस गया, बल्कि नवनिर्मित राम पथ एक दर्जन से अधिक स्थानों पर धंस गया। राज्य सरकार ने इस मामले में अहमदाबाद स्थित कंपनी भुवन इंफ्राकॉम प्राइवेट लिमिटेड को भी नोटिस जारी किया है।
विशेष सचिव विनोद कुमार ने शुक्रवार को पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता ध्रुव अग्रवाल और सहायक अभियंता अनुज देशवाल को निलंबित करने के आदेश जारी किए। वहीं, कनिष्ठ अभियंता प्रभात कुमार पांडेय को निलंबित करने का आदेश पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता (विकास) वी के श्रीवास्तव ने जारी किया।
उत्तर प्रदेश जल निगम के प्रबंध निदेशक राकेश कुमार मिश्रा ने अयोध्या में पदस्थ अधिशासी अभियंता आनंद कुमार दुबे, सहायक अभियंता राजेंद्र कुमार यादव और अवर अभियंता मोहम्मद शाहिद को निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं।
पीडब्ल्यूडी की ओर से जारी एक कार्यालय आदेश में कहा गया है कि राम पथ की सबसे ऊपरी परत निर्मित किये जाने के तुरंत बाद क्षतिग्रस्त हो गई। इससे राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता के तहत किए जा रहे कार्यों में शिथिलता सामने आई और आम लोगों के बीच राज्य की छवि को नुकसान पहुंचा है।
कार्यालय आदेश में कहा गया, "इसे गंभीर अनियमितता मानते हुए निर्माण खंड-तृतीय के अधिशासी अभियंता ध्रुव अग्रवाल को उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 1999 के नियम सात के तहत निलंबित किया जाता है। वह अयोध्या में मुख्य अभियंता, पीडब्ल्यूडी के कार्यालय से संबद्ध रहेंगे।" प्रमुख सचिव, पीडब्ल्यूडी, अजय चौहान ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है।