Hanuman Chalisa

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

Inside Story : अयोध्या जमीन विवाद, 10 मिनट में 2 करोड़ की जमीन 18.5 करोड़ की हो गई...

Advertiesment
हमें फॉलो करें shri ram janmabhoomi teerth kshetra

संदीप श्रीवास्तव

, सोमवार, 14 जून 2021 (20:09 IST)
दुनिया भर के हिन्दुओं की आस्था के केन्द्र अयोध्या के राम मंदिर की जमीन से जुड़ा मामला विवादों में घिर गया है। दरअसल, राम जन्मभूमि न्यास द्वारा खरीदी गई जमीन को लेकर ट्रस्ट के महासचिव और एक ट्रस्टी सवालों के घेरे में आ गए हैं। समाजवादी पार्टी के नेता एवं पूर्व मंत्री तेजनारायण पांडेय और आम आदमी पार्टी के नेता संजयसिंह के आरोपों के बाद इस पूरे मामले ने सियासी रंग ले लिया है। 
 
यूपी के पूर्व मंत्री पांडेय ने सवाल उठाया है कि पहले 2 करोड़ में जमीन का बैनामा (विक्रय पत्र) किया गया और फिर उसी दिन कुछ ही मिनटों में साढ़े 18 करोड़ में जमीन का एग्रीमेंट हो गया। 10 मिनट के 
भीतर जमीन की कीमत करीब साढ़े 16 करोड़ बढ़ गई है। एक अनुमान के मुताबिक जमीन की कीमत साढ़े 5 लाख रुपए प्रति सेकंड बढ़ी। इन आरोपों के पक्ष में कुछ दस्तावेज भी सौंपे गए हैं। 
 
इन पर लगा आरोप : इस पूरे मामले की शुरुआत समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय के आरोपों के बाद हुई। उन्होंने ट्रस्ट के महासचिव व विहिप नेता चम्पत राय व ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्रा व अयोध्या नगर निगम के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय द्वारा ट्रस्ट के नाम जमीन घोटाला करने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने मिलकर साढ़े 18 करोड़ रुपय का घोटाला ट्रस्ट के नाम पर किया है। 
shri ram janmabhoomi teerth kshetra
माना जा रहा है कि सपा नेता के इन आरोपों के बाद उत्तरप्रदेश की राजनीति का पारा आने वाले दिनों में और चढ़ेगा, क्योंकि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कसना शुरू कर दी है। ऐसे में लग रहा है कि चुनाव में राम मंदिर से जुड़े इस मु्द्दे को सुलगाए रखा जाएगा। हालांकि विपक्ष इसका फायदा उठा पाएगा यह आने वाले वक्त में ही पता चलेगा। 
shri ram janmabhoomi teerth kshetra
जांच होनी चाहिए : राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि इस प्रकार कि बात संभव नहीं है। रामलला के लिए जो ट्रस्ट बना है वह इस प्रकार का घोटाला करेगा, इस पर तो जांच होने पर ही पता चल सकता है, लेकिन जो लोग गलत तरीके से इस प्रकार का आरोप लगा रहे हैं, वे गलत हैं। पहले इसकी जांच होनी चाहिए और यदि कोई दोषी पाया जाता है तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। 
 
अयोध्या के स्वामी परमहंस दास ने इन आरोपों का खंडन करते हुए इसे बेबुनियाद और तुष्टिकरण की राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि हम किसी जांच के विरोधी नहीं हैं। इस घोटाले कि भी उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। यदि लगाए गए आरोप गलत निकले तो आरोप लगाने वालों के ऊपर मैं एक हजार करोड़ रुपए का मानहानि का मुकदमा भी करूंगा। उसके लिए भी ये तैयार रहें। 
shri ram janmabhoomi teerth kshetra
हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि वित्तीय अनियमितता को लेकर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वो गंभीर हैं। इनकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। जो भी दोषी पाए जाएं उन्हें बख्शा न जाए। उन्होंने कहा कि अगर जांच में लगाए गए आरोप गलत निकले तो आरोप लगाने वालों पर मैं 50 करोड़ रुपए की मानहानि का मुकदमा करूंगा। 
 
कांग्रेस ने पीएम से मांगा जवाब : कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से संबंधित एक जमीन सौदे में लगे भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस ‘घोटाले’ पर जवाब देना चाहिए तथा उच्चतम न्यायालय की निगरानी में इसकी जांच होनी चाहिए। सुरजेवाला ने उच्चतम न्यायालय यह से आग्रह भी किया कि वह मंदिर निर्माण के चंदे के रूप में प्राप्त राशि व खर्च का न्यायालय के तत्वाधान में ऑडिट करवाए तथा चंदे से खरीदी गई सारी जमीन की कीमत को लेकर भी जांच करे।
 
सुरजेवाला ने दावा किया दोनों कागजों पर दूसरे गवाह भाजपा के प्रमुख नेता और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय हैं। इसका मतलब साफ है कि 2 करोड़ रुपए मूल्य की जमीन 5 मिनट में 18.5 करोड़ रुपए में खरीदने के निर्णय की राममंदिर निर्माण ट्रस्ट के न्यासियों को पूरी जानकारी थी। सुरजेवाला ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री को इसका जवाब देना चाहिए कि क्या भगवान राम की आस्था का सौदा करने वाले पापियों को मोदीजी का संरक्षण प्राप्त है? मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के नाम पर इतना बड़ा कदाचार भाजपा नेताओं ने कैसे किया?
 
शिवसेना ने मांगा स्पष्टीकरण : शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि इस बारे में न्यास तथा अन्य नेताओं को ‘स्पष्टीकरण’ देना चाहिए। राउत ने कहा कि मंदिर निर्माण का मामला उनकी पार्टी और जनता के लिए आस्था का विषय है। राउत ने कहा कि भगवान राम और राम मंदिर की लड़ाई हमारे लिए आस्था का विषय है। मंदिर के भूमिपूजन कार्यक्रम में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल हुए थे। उन्हें भी इस बारे में बोलना चाहिए।
shri ram janmabhoomi teerth kshetra
क्या बोले चंपत राय : ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय से जब इसके बारे मे पूछा तो उन्होंने कहा कि आरोप लगते ही रहते हैं। 100 साल से आरोप ही देख रहा हूं। हम पर तो महात्मा गांधी की हत्या का आरोप लगा। हम चिंता नहीं करते आप भी मत करिए। आप अपना काम करें, हम अपना काम करेंगे। अभी हम कुछ नहीं कहेंगे अध्ययन के बाद ही कुछ कहेंगे। वहीं ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्रा से जब इस मामले के लिए पूछा गया तो वे सवालों से बचते हुए बिना कुछ कहे अपनी गाड़ी में बैठकर निकल गए।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Paytm के यूजर कोविड वैक्सीन लगवाने के लिए बुक कर सकते हैं स्लॉट