भाजपा को बड़ा झटका, अब्दुल्ला की चुनौती के बाद पीछे हटे राम माधव

Webdunia
गुरुवार, 22 नवंबर 2018 (19:16 IST)
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा भंग करने के राज्यपाल के निर्णय की पृष्ठभूमि में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दु्ल्ला और भाजपा महासचिव राम माधव के बीच तीखे बाण चले। पाकिस्तान की शह पर नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा पीडीपी से गठजोड़ करने के राम माधव के आरोप को अब्दुल्ला द्वारा साबित करने की चुनौती देने के बाद भाजपा महासचिव ने अपने शब्द वापस ले लिए।
 
राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा विधानसभा भंग किए जाने के एक दिन बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने प्रदेश सरकार बनाने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त और धन के प्रयोग संबंधी दावों की जांच कराने की मांग की।
 
नेकां नेता ने भाजपा महासचिव राम माधव को चुनौती दी कि वे अपने आरोप को साबित करें कि पाकिस्तान के कहने पर पीडीपी-नेकां गठबंधन हुआ है। अब्दुल्ला ने कहा कि देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकर्ताओं के बलिदान को आप नहीं भुला सकते हैं। उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
 
इसके बाद राम माधव ने बृहस्पतिवार को अपने ट्वीट में कहा कि परेशान न हों, उमर अब्दुल्ला आपकी देशभक्ति पर सवाल नहीं उठा रहा हूं लेकिन नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के बीच अचानक उमड़े प्रेम और सरकार बनाने की जल्दबाजी के कारण कई संदेह पैदा हुए और राजनीतिक टिप्पणी आई। आपको कष्ट पहुंचाने के लिए नहीं।
 
इसके बाद अब्दुल्ला ने ट्वीट किया कि कोई दूसरी बात नहीं चलेगी, आपने दावा किया कि मेरी पार्टी पाकिस्तान की शह पर काम कर रही है तो मैं आपको यह आरोप साबित करने की चुनौती देता हूं। अगर आपके पास कोई सबूत है कि नेकां ने निकाय चुनाव का पाकिस्तान की शह पर बहिष्कार किया तो इस बारे में सबूत सार्वजनिक करें। राम माधव ने इसके बाद माहौल सामान्य करने का प्रयास करते हुए एक अन्य ट्वीट किया।
 
उन्होंने कहा कि अब आपने किसी बाहरी दबाव की बात से इंकार किया है, तब मैं अपनी बात को  वापस लेता हूं, लेकिन आपने साबित किया कि नेकां और पीडीपी के बीच असली प्रेम था, जो सरकार बनाने के विफल प्रयास के रूप में सामने आया। आपको अब साथ चुनाव लड़ना चाहिए। यह ध्यान दें कि यह राजनीतिक टिप्पणी है, व्यक्तिगत नहीं।
 
राम माधव ने एक दिन पहले ही कहा था कि पीडीपी-एनसी ने पिछले महीने निकाय चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया था, वह आदेश भी उन्हें सीमापार से आया था। ऐसा लगता है कि राज्य में सरकार बनाने को लेकर साथ आने के बारे में उन्हें नए निर्देश मिले होंगे। इसी कारण राज्यपाल को इस विषय पर विचार करना पड़ा। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

मोहन भागवत के बयान पर भड़के असदुद्दीन ओवैसी, बोले- RSS और मुसलमान समंदर के 2 किनारे हैं जो...

Operation Sindoor से Pakistan में कैसे मची थी तबाही, सामने आया नया वीडियो

लश्कर का खूंखार आतंकी सैफुल्लाह खालिद पाकिस्तान में ढेर, भारत में हुए 3 बड़े आतंकी हमलों में था शामिल

दरवाजे पर बारात और दुल्हन ने दुनिया को कहा अलविदा, झोलाछाप डॉक्टर के कारण मातम में बदली खुशियां

हिमाचल में साइबर हैकरों ने की 11.55 करोड़ की ठगी, सहकारी बैंक के सर्वर को हैक कर निकाले रुपए

सभी देखें

नवीनतम

इंदौर के राजवाड़ा में होगी मंत्रिपरिषद की बैठक : मोहन यादव

Kannauj : दरवाजे पर बारात और दुल्हन ने दुनिया को कहा अलविदा, झोलाछाप डॉक्टर के कारण मातम में बदली खुशियां

वर्तमान और भावी पीढ़ी को अपने गौरवशाली अतीत से जोड़ना जरूरी : मुख्यमंत्री मोहन यादव

Waqf Low : वक्फ कानून पर औवेसी को सुप्रीम कोर्ट से इंसाफ की उम्मीद, पूछा नए कानून में कौन-सी धाराएं अच्छी हैं

Sanjay Raut : ईडी ने क्‍यों किया था गिरफ्तार, संजय राउत ने बताया यह कारण

अगला लेख