Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में नया मोड़

हमें फॉलो करें राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में नया मोड़
नई दिल्ली , मंगलवार, 8 अगस्त 2017 (21:18 IST)
नई दिल्ली। रामजन्म भूमि बाबरी मस्जिद विवाद में एक नया मोड़ आया है। शिया वक्फ बोर्ड ने उच्चतम न्यायालय में शपथ-पत्र दाखिल करके कहा है कि विवादित जमीन पर राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए जबकि मस्जिद उससे कुछ दूर मुस्लिम इलाके में बनायी जानी चाहिए।
 
इस विवादित मामले में शिया वक्फ बोर्ड ने दाखिल शपथ पत्र में यह भी दावा किया है कि बाबरी मस्जिद शिया वक्फ की थी। इसे देखते हुए इस मामले में दूसरे पक्षकारों के साथ वार्ता लाभ और सौहार्दपूर्ण समाधान तक पहुंचने का अधिकार केवल उसी के पास है। बोर्ड का कहना है कि यदि मंदिर-मस्जिद मसले का समाधान हो जाए और निर्माण हो गया तो कई दशकों से चले आ रहे इस विवाद और रोज-रोज की अशांति से छुटकारा मिल जाएगा।  
 
शिया बोर्ड के इस हलफनामे पर बाबरी मस्जिद एक्शन कमिटी के जफरयाब गिलानी ने कहा है कि यह हलफनामा केवल अपील मात्र है। कानून की नजर में इस हलफनामे की कोई अहमियत नहीं है। न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय पीठ का गठन गया है। यह पीठ रामजन्म मंदिर विवाद मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। 
 
पीठ को 11 अगस्त से याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करना है। पीठ के दो अन्य न्यायाधीश एस अब्दुल नजीर और अशोक भूषण हैं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने विवादित भूमि को निर्मोही अखाड़ा, रामलला और सुन्नी वक्फ बोर्ड के बीच तीन हिस्सों में बराबर-बराबर बांटने का आदेश दिया था।
 
उत्तरप्रदेश शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड ने गत दिनों इस विवाद में पक्ष बनने का निर्णय लिया था। बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने कहा था कि बोर्ड सदस्यों की राय है कि बाबरी मस्जिद बाबर के समय मीर बकी द्वारा बनाई गई शिया मस्जिद थी। मीर बकी शिया थे और इस तथ्य के मुताबिक हमारा दावा है कि वह शिया मस्जिद थी। मस्जिद के इमाम ही केवल सुन्नी थे। इमाम को शिया मुत्तवली मेहनताना देते थे और वहां शिया-सुन्नी दोनों ही नमाज अदा करते थे। (वार्ता)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

चुनाव आयोग के नए फैसले से भाजपा को झटका, कांग्रेस को राहत