Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

चीन के साथ गतिरोध के बीच रक्षामंत्री राजनाथ का कड़ा संदेश, 'भारत युद्ध नहीं चाहता लेकिन सम्‍मान को ठेस पहुंची तो... '

हमें फॉलो करें चीन के साथ गतिरोध के बीच रक्षामंत्री राजनाथ का कड़ा संदेश, 'भारत युद्ध नहीं चाहता लेकिन सम्‍मान को ठेस पहुंची तो... '
, गुरुवार, 14 जनवरी 2021 (21:39 IST)
बेंगलुरु। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के साथ 8 महीने से चल रहे गतिरोध के बीच गुरुवार को कहा कि भारत युद्ध नहीं चाहता लेकिन यदि कोई ‘महाशक्ति’ देश के सम्मान को ठेस पहुंचाती है तो देश के सैनिक मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं।
सिंह ने कहा कि हम युद्ध नहीं चाहते और हम सभी की सुरक्षा के पक्ष में हैं, लेकिन मैं स्पष्ट रूप से यह भी कहना चाहता हूं कि यदि कोई महाशक्ति हमारे सम्मान को ठेस पहुंचाना चाहती है तो हमारे जवान उन्हें मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं।
 
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत कभी किसी देश के साथ संघर्ष नहीं चाहता और उसने अपने पड़ोसियों के साथ शांति और मित्रवत संबंध रखने को प्राथमिकता दी है।
 
उन्होंने बेंगलुरु में भारतीय वायुसेना की मुख्यालय प्रशिक्षण कमान में पांचवें सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस के अवसर पर कहा कि यह हमेशा अपने पड़ोसियों के साथ शांति और दोस्ताना संबंध चाहता है क्योंकि यह हमारे खून और संस्कृति में है।
 
चीन के साथ गतिरोध का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों ने अनुकरणीय साहस और धैर्य दिखाया है और यदि इसे बयां किया जा सके तो हर भारतीय को गर्व होगा। उन्होंने कहा कि मैं आपको बता सकता हूं कि जो पहले कभी नहीं हुआ, वह इस बार हुआ।
सिंह ने कहा कि कोई इस बात की कल्पना नहीं कर सकता कि भारतीय बलों ने ऐसा करिश्माई काम किया लेकिन मैं उसके विस्तार में नहीं जाना चाहता। रक्षामंत्री ने ‘पाकिस्तान की जमीन पर आतंकवादियों को ढेर कर देने’ का असाधारण साहस दर्शाने वाले भारतीय जवानों की भी प्रशंसा की।
 
रक्षा मंत्री ने पूर्व सैनिकों का आह्वान किया कि वे समाज के साथ अपने अनुभव साझा करने में तथा युवाओं को सेनाओं में शामिल होने के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करें।
 
पूर्व सैनिकों के सामने मौजूद चुनौतियों का उल्लेख करते हुए सिंह ने कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद आय कम हो जाती है जबकि जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं।
 
उन्होंने कहा कि मैं जानता हूं कि सरकार ने आपके लिए बहुत कुछ किया है लेकिन मेरा मानना है कि और भी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है।
सिंह ने कहा कि पूर्व-सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) के तहत सरकार ने स्थानीय कमांडरों को निजी अस्पतालों को भी नामित करने के अधिकार दिए हैं।
 
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में सत्ता में आने के बाद पूर्व सैनिकों की चिर प्रतीक्षित ‘वन रैंक वन पेंशन’ की मांग को पूरा किया था। पूर्व सैनिकों को संबोधित करने से पहले सिंह ने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत के साथ युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि भी अर्पित की। समारोह के बाद सिंह और जनरल रावत ने पूर्व सैनिकों से बातचीत की। 
इस मौके पर पूर्व सैनिक, उनके परिजन और अनेक पूर्व-सैनिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे। भारतीय सशस्त्र बल हर साल 14 जनवरी को पूर्व सैनिक दिवस मनाते हैं। भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल के एम करियप्पा की सेवाओं के सम्मान में इस दिन को चुना गया। वह 1953 में इसी दिन सेवानिवृत्त हुए थे। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Fact Check: क्या किसान आंदोलन में पगड़ी पहनकर शामिल हुआ था ये मुस्लिम युवक? जानिए वायरल PHOTO का पूरा सच