सिंगापुर। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि उन्होंने और उनकी बहन ने पिता राजीव गांधी के हत्यारों को‘पूरी तरह माफ कर दिया है क्योंकि उन्हें लोगों से' नफरत करना मुश्किल लगता है। सिंगापुर में आईआईएम के पूर्व छात्रों के साथ बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने अपनी दादी इंदिरा गांधी और पिता राजीव गांधी की हत्या के बारे में बात की।
उन्होंने कहा कि हमें मालूम था कि मेरे पिता की मौत होने जा रही है। हमें पता था कि मेरी दादी की मौत पक्की है। राजनीति में जब आप गलत शक्तियों के साथ सख्ती करते हैं और आप किसी बात पर अडिग होते हैं तो आपकी मौत होगी ही। कांग्रेस ने उनकी इस बातचीत का वीडियो आज ट्विटर पर डाला।
जब राहुल गांधी से पूछा गया कि क्या उन्होंने और उनकी बहन ने अपने पिता के हत्यारों को माफी कर दिया है? तब उन्होंने कहा, ‘हम कई सालों तक बहुत परेशान थे, आहत थे और काफी क्रोधित थे। लेकिन किसी तरह (हमने) वाकई पूरी तरह( उन्हें माफ) कर दिया। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई, 1991 को तमिलनाडु की एक चुनावी सभा में लिट्टे की एक आत्मघाती बम हमलावर ने हत्या कर दी थी।
लिट्टे श्रीलंका में प्रभाकरण की अगुवाई वाला उग्रवादी संगठन था। राहुल गांधी ने कहा, ‘इतिहास ऐसा होता है जब आप अहसास करते हैं कि जब घटनाएं घटती हैं, वह विचारों, ताकतों और संशय का टकराव होता है, वहीं आप फंस जाते हैं। मुझे याद है कि जब मैंने टीवी पर प्रभाकरण को मृत देखा, मेरे मन में दो विचार आए- पहला, क्यों वे लेाग इस व्यक्ति को इस तरह अपमानित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ‘दूसरा मुझे वाकई उसके और उसके बच्चों के बारे में सोचकर बुरा लगा और मुझे ऐसा इसलिए लगा क्योंकि मैं इस बात को गहराई से समझता हूं कि इस बात का दूसरे पक्ष का मायने क्या है। अतएव मेरे हिसाब से जब मैं हिंसा देखता हूं, चाहे वह जो भी हो, मैं जानता हूं कि उसके पीछे इंसान है, उसके पीछे एक परिवार है, एक रोता- चिल्लाता बच्चा है।
मैं इस अहसास के लिए बहुत पीड़ा से गुजरा हूं और यह ऐसी चीज है जिसे मैं बहुत मूल्यवान मानता हूं। मेरे लिए, मेरी बहन के लिए भी लोगों से नफरत करना मुश्किल है। जब राहुल गांधी से पूछा गया कि क्या पूर्व प्रधानमंत्रियों के बेटे और पोते होने को लेकर विशेषाधिकारपूर्ण जीवन है? उन्होंने कहा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि सिक्के के किस तरफ आप हैं..... वाकई जहां मैं बैठता हूं वहां कई विशेषाधिकार हैं......लेकिन मैं नहीं कहूंगा कि मेरा सफर मुश्किल भरा नहीं रहा।
उन्होंने कहा कि उनकी दादी को उन सुरक्षा गार्डों ने मारा जिनके साथ वह बैडमिंटन खेला करते थे। उन्होंने कहा, ‘जब मैं 14 साल का था, तब मेरी दादी की हत्या कर दी गई। मैं उन लोगों के साथ बैडमिंटन खेलता था जिन्होंने मेरी दादी की हत्या की। उसके बाद मेरे पिता की हत्या कर दी गयी। अतएव आप एक ऐसे खास माहौल में रहते हैं जहां आप 15 लोगों के बीच सुबह, दोपहर और रात तक घिरे रहते हैं। मैं नहीं समझता कि वह विशेषाधिकार है। मैं समझता हूं कि उससे संभालना बिल्कुल मुश्किल बात है। राहुल गांधी दक्षिणपूर्व एशियाई देशों की पांच दिन की यात्रा पर हैं। (भाषा)