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राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी को 30 साल बाद सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत

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, बुधवार, 9 मार्च 2022 (17:51 IST)
नई दिल्‍ली। देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी एजी पेरारिवलन को उच्‍चतम न्‍यायालय ने जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। न्‍यायालय ने कहा कि पेरारिवलन 30 साल से ज़्यादा समय से जेल में है। पेरारिवलन ने न्‍यायालय को बताया था कि उसे रिहा करने के तमिलनाडु सरकार के आदेश को राज्यपाल और केंद्र मंजूरी नहीं दे रहे हैं।

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के लिए पेश एडिशनल सॉलिसीटर जनरल केएम नटराज ने पेरारिवलन की रिहाई के कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि दोषी को 1999 में फांसी की सज़ा मिली थी। 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे उम्रकैद में बदल दिया था। इसके पीछे इस बात को आधार बनाया गया था कि राष्ट्रपति उसकी दया याचिका पर फैसला लेने में लंबा समय लगा रहे हैं। साथ ही इस बात को भी आधार बनाया गया कि उसने काफी समय जेल में बिताया है।

नटराज का कहना था कि जब एक बार दोषी को लंबे समय तक जेल में रहने के आधार पर रियायत मिल चुकी है, तो फिर दोबारा उसे इसी बात का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए। हालांकि उच्‍चतम न्‍यायालय ने अपने आदेश में कहा कि पेरारिवलन का आचरण लगातार बहुत अच्छा रहा है।

न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बीआर गवई की पीठ ने उन दलीलों का संज्ञान लिया, जिसमें कहा गया है कि दोषी पेरारिवलन 30 साल तक जेल में रहा है और उसका व्यवहार संतोषजनक रहा है, चाहे वह जेल के भीतर हो या पैरोल की अवधि के दौरान।

उच्‍चतम न्‍यायालय ने कहा कि उसकी रिहाई पर फैसला लेने में सरकार की तरफ से हो रही देरी के कारण उसे हमेशा जेल में नहीं रखा जा सकता। पेरारिवलन ने कोर्ट को बताया था कि उसे रिहा करने के तमिलनाडु सरकार के आदेश को राज्यपाल और केंद्र मंजूरी नहीं दे रहे हैं। सज़ा माफ करने का उसका आवेदन भी बिना फैसले के अटका हुआ है।

गौरतलब है कि 21 मई 1991 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में हत्या हुई थी। 11 जून 1991 को पेरारिवलन गिरफ्तार हुआ उस पर बम धमाके में काम आई 8 वोल्ट की बैटरी खरीदकर हमले के मास्टरमाइंड शिवरासन को देने का दोष साबित हुआ था।

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