राजस्थान का राजनीतिक संकट : सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई, BSP ने 6 विधायकों को व्हिप जारी कर बढ़ाई कांग्रेस की मुश्किलें

Webdunia
सोमवार, 27 जुलाई 2020 (07:15 IST)
जयपुर/ नई दिल्ली। राजस्थान में सियासी संकट में फंसी कांग्रेस आज सभी राज्यों में राजभवन के बाहर प्रदर्शन करेंगी। अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट की सियासी लड़ाई का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है तो वहीं विधानसभा सत्र बुलाए जाने के मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री गहलोत और राज्यपाल कलराज मिश्र के बीच पेंच फंस गया है। राजस्थान के राजनीतिक घटनाक्रम को एक नया मोड़ देते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने पिछले साल कांग्रेस में शामिल होने के लिए पार्टी छोड़ने वाले 6 विधायकों को विधानसभा में शक्तिपरीक्षण के दौरान सत्तारूढ़ पार्टी (कांग्रेस) के खिलाफ मतदान करने का रविवार को व्हिप जारी किया।
 
इस मामले को लेकर शुरू से भाजपा पर हमलावर रही कांग्रेस ने ऐलान किया है कि आज सुबह 11 बजे देशभर के राजभवनों यानी राज्यपालों, उप राज्यपालों के आवास के बाहर भाजपा के खिलाफ 'लोकतंत्र बचाओ- संविधान बचाओ' की मांग के साथ कांग्रेस कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन करेंगे। आज सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान मामले को लेकर सुनवाई भी है।
 
राजस्थान में जारी राजनीतिक संकट के बीच वहां की कांग्रेस सरकार राज्य के राज्यपाल कलराज मिश्र से विधानसभा का सत्र बुलाने का अनुरोध कर रही है। राजस्थान की कांग्रेस सरकार विधानसभा के सत्र के लिए जोर लगा रही है ताकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सदन के पटल पर अपना बहुमत साबित कर सकें।
बसपा ने विधायकों को जारी किया व्हिप : राजस्थान के राजनीतिक घटनाक्रम को एक नया मोड़ देते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने पिछले साल कांग्रेस में शामिल होने के लिए पार्टी छोड़ने वाले 6 विधायकों को विधानसभा में शक्तिपरीक्षण के दौरान सत्तारूढ़ पार्टी (कांग्रेस) के खिलाफ मतदान करने का रविवार को व्हिप जारी किया।
 
बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने एक बयान में कहा कि सभी 6 विधायकों को अलग-अलग नोटिस जारी कर सूचित किया गया कि चूंकि बसपा एक मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय पार्टी है और (संविधान की) दसवीं अनुसूची के पैरा चार के तहत पूरे देश में हर जगह समूची पार्टी (बसपा) का विलय हुए बगैर राज्य स्तर पर विलय नहीं हो सकता है...।
 
अलग से दायर करेगी याचिका : मिश्रा ने कहा कि अगर 6 विधायक पार्टी व्हिप के खिलाफ जाकर मतदान करते हुए हैं, तो वे विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य हो जाएंगे।
 
उन्होंने कहा कि नोटिस में आगे कहा गया है कि वे बसपा के व्हिप का पालन करने के लिये आबद्ध हैं और ऐसा नहीं करने पर वे विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य हो जाने के पात्र होंगे। मिश्रा ने कहा कि बसपा राजस्थान हाईकोर्ट में अयोग्यता की लंबित याचिका में हस्तक्षेप करेगी या अलग से रिट याचिका दायर करेगी।

भाजपा विधायक ने लगाई है याचिका : 2018 के चुनाव में संदीप यादव, वाजिब अली, दीपचंद खेरिया, लखन मीणा, जोगेंद्र अवाना और राजेंद्र गुधा बसपा के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। 
 
उन्होंने पिछले साल 16 सितंबर को कांग्रेस में एक समूह के रूप में विलय के लिए अर्जी दी थी। विधानसभा स्पीकर ने अर्जी के दो दिन बाद आदेश जारी कर घोषित किया कि इन 6 विधायकों से कांग्रेस के अभिन्न सदस्य की तरह व्यवहार किया जाए।
 
इस विलय से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार को मजबूती मिली और 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस सदस्यों की संख्या बढ़कर 107 हो गई। 
 
इससे पहले भाजपा विधायक ने शुक्रवार को राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में विलय को रद्द करने का अनुरोध किया था। (एजेंसियां)

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