इन मंत्रियों में अलवर में श्रममंत्री जसवंत सिंह तो खुद ही उम्मीदवार थे और उनके सहयोग के लिए जल संसाधन मंत्री रामप्रताप, वन मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर, खान मंत्री सुरेंद्र पाल सिंह टीटी, पीएचईडी मंत्री सुरेन्द्र गोयल, उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत मंत्री दर्जा प्राप्त रोहिताश्व शर्मा और खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री बाबूलाल वर्मा डेरा डाले हुए थे। इसी तरह अजमेर में सार्वजनिक निर्माण मंत्री युनूस खान, पंचायती राज मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़, स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ, उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी, सहकारिता मंत्री अजय किलक, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल, शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी, देवस्थान राज्य मंत्री राजकुमार रिणवा, मुख्य सचेतक कालूलाल गुर्जर और उपमुख्य सचेतकों, संसदीय सचिवों तथा विधायकों की फौज प्रचार के लिए मैदान में उतारी गई थी लेकिन किसी भी मंत्री या नेता के इलाके में भाजपा अपनी साख कायम नहीं रख सकी।