नई दिल्ली। ग्लोबल रेलवे और परिवहन यूनियनों ने भारतीय रेलवे के आंशिक या पूर्ण रूप से निजीकरण के खिलाफ चेतावनी दी और कहा कि यह देश के लिए ‘नुकसानदायक’ हो सकता है। अंतरराष्ट्रीय परिवहन श्रमिक महासंघ (आईटीएफ) की यहां एक बैठक में अंतरराष्ट्रीय रेलवे और परिवहन यूनियनों ने रेलवे के निजीकरण के भारत सरकार के प्रयास को लेकर चिंता जताई।
भारतीय रेलवे यूनियनों के प्रतिनिधियों ने दावा किया कि बैठक में मौजूद रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी ने यूनियनों को आश्वासन दिया कि रेलवे का निजीकरण करने का कोई प्रस्ताव नहीं है और यह सार्वजनिक क्षेत्र में बना रहेगा।
ऑल इंडिया रेलवेमैन्स फेडरेशन (एआईआरएफ) के एक प्रतिनिधि ने बताया कि हालांकि लोहानी ने कहा कि रेलवे तकनीकी उन्नयन और आधुनिकीकरण जैसे क्षेत्रों में विदेशी निवेश की ओर देख रहा है। (भाषा)