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रेलकर्मियों को ऐसे मिलेगा डिजीटलीकरण का फायदा

हमें फॉलो करें रेलकर्मियों को ऐसे मिलेगा डिजीटलीकरण का फायदा
नई दिल्ली , रविवार, 21 जनवरी 2018 (12:38 IST)
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने अपने सभी 13 लाख कर्मचारियों एवं अधिकारियों का सर्विस रिकॉर्ड फाइलों से निकाल कर कंप्यूटर दर्ज करने का काम शुरू कर दिया है और उसने यह काम चालू वित्त वर्ष के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है।

आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि रेलवे बोर्ड के सचिव के कार्यालय से सभी ज़ोनल रेलवे और उत्पादन इकाइयों को निर्देश दिए गए हैं कि 31 मार्च तक अपने सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सर्विस रिकॉर्ड का पूरी तरह से डिजीटलीकरण कर लिया जाए और रेलवे बोर्ड के स्थापना निदेशालय को सूचित किया जाए।

रेलवे बोर्ड के इस कदम को कार्मिक मामलों के पूर्ण डिजीटलीकरण के रूप में देखा जा रहा है। रेलवे इससे पहले अपने सेवारत एवं सेवानिवृत्त कर्मियों के लिए शिकायतों के समाधान के वास्ते एक पोर्टल शुरू कर चुकी है। सूत्रों के अनुसार इससे रेलवे बोर्ड के साथ साथ रेलकर्मियों को भी लाभ होगा।

बड़ी संख्या में रेल कर्मी सेवा संबंधी तमाम विसंगतियों को लेकर क्षेत्रीय मुख्यालय से लेकर रेलवे बोर्ड तक दौड़धूप करते हैं। डिजीटलीकरण होने से उनकी शिकायतों का त्वरित समाधान संभव हो सकेगा और स्थापना अधिकारियों का बोझ भी कम होगा।

सूत्रों के अनुसार सर्वाधिक शिकायतें सेवा में वरिष्ठता, वेतनमान निर्धारण, पदोन्नति में गड़बडि़यों और स्थानांतरण को लेकर आती हैं। इन शिकायतों के निस्तारण को लेकर रिकॉर्ड मंगाना पड़ता है और रिकॉर्ड की फाइलें कई बार अनेक स्थानों पर होने के कारण शिकायतों के निस्तारण में बहुत समय लग जाता है और इससे परेशान कर्मचारी अक्सर अदालत चले जाते हैं। रिकॉर्ड के डिजीटलीकरण के बाद ये समस्याएं बहुत हद तक कम हो जाएंगी।
 
 रेलवे ने 13 लाख कर्मचारियों के रिकॉर्ड के डिजीटलीकरण के पहले अपनी डाटा भंडारण क्षमता में कई गुना इजाफा किया है। रेलवे क्लाउड भारतीय रेलवे की रणनीतिक आईटी पहल के रूप में एकल डिजिटल मंच के लक्ष्य को हासिल करने के लिए स्थापित किया गया है।

क्लाउड कम्प्यूटिंग प्रौद्योगिकी से उपलब्ध सर्वर और स्टोरेज का अधिकतम इस्तेमाल हो सकेगा जिसके परिणामस्वरूप उसी सर्वर की जगह पर अधिक आंकड़े और अधिक एप्लीकेशन समा सकेंगे। रेलवे के पास उपलब्ध वर्तमान संसाधनों को रेल क्लाउड में मिला दिया गया है ताकि नए संसाधन प्राप्त करने में होने वाले खर्च को कम किया जा सके। क्लाउड सरकार के नवीनतम दिशा-निर्देशों के अनुसार सुरक्षा विशेषताओं से लैस किया गया है। सुरक्षा विशेषताओं को क्लाउड में मौजूद सभी एप्लीकेशनों के लिए अद्यतन किया जा सकता है इसके परिणामस्वरूप अधिक सुरक्षा और स्थिरता कम खर्च में मिल रही है।
 
रेलवे ने कर्मचारियों के लिए प्रबंधित नेटवर्क और वर्चुअल डेस्कटॉप इंटरफेस (वीडीआई) सेवा शुरू करने की भी योजना बनाई है ताकि प्रत्येक रेल कर्मचारी को तेजी से और अधिक प्रभावी कार्य का माहौल दिया जा सके। उनकी शिकायतों के निस्तारण के लिए रेल क्लाउड पर एक शिकायत पोर्टल 'निवारण' भी बनाया है जिसके माध्यम से सेवारत एवं सेवानिवृत्त दोनों प्रकार के रेलकर्मियों की शिकायतों का तय समयसीमा में समाधान करने का लक्ष्य था। लेकिन इस पोर्टल में शिकायतों के समाधान तय समय-सीमा में समाधान इसलिए संभव नहीं हो पा रहे हैं, क्योंकि सेवा के रिकॉर्ड जांचने के लिए फाइलें मंगानी पड़ती हैं। रेलकर्मियों के सेवा रिकॉर्ड के डिजीटलीकरण से यह समस्या हल हो जाएगी और सभी 13 लाख कर्मचारी राहत महसूस करेंगे। (वार्ता)

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