नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शारीरिक उत्पीड़न पर अपनी बात कहने वाले महिलाओं के विश्व व्यापी अभियान #MeToo का समर्थन करते हुए कहा है कि अब समय आ गया है कि हर किसी को महिलाओं के साथ सम्मान के पेश आने की बात सीखनी चाहिए।
गांधी ने शुक्रवार को एक ट्वीट कर कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि जिन महिलाओं को अपनी बात कहने का कोई मौका नहीं मिल रहा था अथवा मीडिया में उन्हें जगह नहीं मिल रही थी, अब यह अंतर कम हो रहा है। परिवर्तन लाने के लिए सच को जोर से तथा स्पष्टता से सुना जाना चाहिए।
गौरतलब है कि विदेशों में महिलाओं ने इस अभियान के जरिए अपने साथ हुए शारीरिक उत्पीड़न की बातें खुलकर की हैं और यह लहर भारत में भी आ गई है, जहां अनेक महिलाओं ने अपने साथ हुई शारीरिक ज्यादतियों को उजागर किया है।
देश में अनेक महिलाओं ने इस मुहिम का हिस्सा बनकर अपनी आपबीती जाहिर की और इसकी चपेट में विदेश राज्यमंत्री और पूर्व संपादक एमजे अकबर भी आए हैं जिन पर कईं महिला पत्रकारों ने आपत्तिजनक हरकतें करने का आरोप लगाया है।
एक महिला पत्रकार ने ट्वीट कर विदेश राज्य मंत्री और पूर्व संपादक एमजे अकबर पर आरोप लगाते हुए कहा कि अकबर जब संपादक थे तब होटल रूम में इंटरव्यू के दौरान कई महिला पत्रकारों के साथ आपत्तिजनक हरकतें कर चुके हैं।
बॉलीवुड में मी टू कैम्पेन की शुरुआत तनुश्री दत्ता ने की थी और उन्होंने नाना पाटेकर पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इसके बाद फिल्मकार विकास बहल, रजत कपूर, चेतन भगत, कैलाश खेर, साजिद खान, सुभाष घई भी इन आरोपों से अछूते नहीं रहे हैं। 1990 के दशक के टीवी शो 'तारा' की राइटर-प्रोड्यूसर ने 'संस्कारी अभिनेता' आलोक नाथ पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है। (वार्ता)