नई दिल्ली। गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान खुद को शिवभक्त और जनेऊधारी हिन्दू साबित करने वाले कांग्रेस राहुल गांधी 31 अगस्त को कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर रवाना होंगे।
पार्टी के सूत्रों का कहना है कि गांधी कैलाश मानसरोवर यात्रा पूरी करने के बाद 12 सितंबर को स्वदेश लौटेंगे। प्राप्त जानकारी के मुताबिक राहुल चीन के रास्ते मानसरोवर की यात्रा करेंगे। राहुल ने अपनी इस महत्वपूर्ण यात्रा की घोषणा इसी वर्ष अप्रैल में रामलीला मैदान में आयोजित जन आक्रोश रैली में की थी।
क्यों जा रहे हैं राहुल मानसरोवर : राहुल ने कहा था कि वे कैलाश यात्रा भगवान शिव को धन्यवाद देने के लिए करेंगे। दरअसल, कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान अप्रैल महीने में अचानक तकनीकी खराबी आने की वजह से गांधी का हेलीकॉप्टर कुछ समय के लिए रडार से ओझल हो गया था।
इसके कुछ दिनों बाद गांधी ने दिल्ली में पार्टी के एक सम्मेलन में कहा था कि अचानक से विमान के नीचे आने पर उनको भगवान शिव याद आए और इसीलिए आने वाले दिनों में वह कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाएंगे।
दूसरी ओर विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी ने अभी तक कैलाश जाने के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, जबकि इसके रजिस्ट्रेशन जरूरी होता है। क्योंकि मानसरोवर तिब्बत में है और यह चीन के इलाके में हैं।
हालांकि विरोधी राहुल गांधी की इस यात्रा को राजनीति से भी जोड़कर देख रहे हैं। ऐसे लोगों का मानना है कि राहुल इस यात्रा के माध्यम से खुद को समर्पित हिन्दू साबित करना चाहते हैं। अपनी बात के पक्ष में वे तर्क भी देते हैं कि गुजरात चुनाव के दौरान राहुल ने खुद को शिवभक्त और जनेऊधारी हिन्दू बता चुके हैं।