देवगढ़ बारिया (गुजरात)। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने गुजरात दौरे के अंतिम दिन भी सत्तारुढ़ भाजपा के खिलाफ आक्रामक तेवर जारी रखते हुए आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह ने राज्य में विकास को पागल कर दिया है जिसे उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव में जीत के बाद पागलखाने से बाहर लाएगी।
गांधी ने यह भी दावा किया कि गुजरात में भाजपा ऊपर से शांत बनी है पर असल में इसके पैर के नीचे से जमीन खिसक गई है क्योंकि मोदीजी की छवि पर भरोसा जताने वाली जनता अब उनकी सच्चाई समझ गई है। उन्होंने शाह के बेटे जय शाह की कंपनी के मामले को फिर उठाते हुए आरोप लगाया कि इससे मोदी और शाह को पूरा फायदा हुआ है और दोनों के अच्छे दिन आ गए हैं।
गांधी ने इस साल दिसंबर में राज्य में होने वाले चुनाव के मद्देनजर अपनी नवसर्जन गुजरात यात्रा के तीन दिवसीय दूसरे चरण के अंतिम दिन बुधवार को दाहोद जिले के आदिवासी बहुल देवगढ़ बारिया में एक सभा में कहा कि गुजरात में 5 से 10 लाख चंदा देकर कॉलेज में प्रवेश लेने वाले छात्रों को पढ़ने के बाद नौकरी नहीं मिलती। ऐसी शिक्षा प्रणाली का क्या मतलब। चंदे की रकम 5-10 उद्योगपति ले जाते हैं। सरकार कहती है नौकरी नहीं है। ये उद्योगपति 1000 करोड़ के घर में रहते हैं और बड़ी-बड़ी गाड़ियों में चलते हैं। गुजरात में 30 लाख बेरोजगार युवा हैं।
उन्होंने नोटबंदी को लेकर भी मोदी पर प्रहार किया और कहा कि इससे नकदी के जरिए काम करने वाले छोटे व्यापारी तबाह हो गए। जनता चोर बन गई जबकि असली चोरों ने कालेधन को सफेद कर लिया। इसके बाद आधी रात को जीएसटी लागू कर रही सही कसर भी पूरी कर दी गई। जीडीपी की वृद्धि दर 4.2 प्रतिशत तक गिर गई है।
उन्होंने कहा, पूरे देश में आग लग गई है और इस आग के बीच से अमित शाह के बेटे की कंपनी चमकती हुई निकली। इसे 2014 में मोदीजी की सरकार बनने के बाद महीनों में जबरदस्त फायदा हुआ फिर इसे बंद कर दिया गया। मोदीजी खुद को चौकीदार बताते थे पर क्या वह इसमें भागीदार नहीं हैं। इसका पूरा का पूरा फायदा उन्हें और शाह को हुआ और उनके अच्छे दिन आ गए।
कांग्रेस नेता ने महंगाई का मुद्दा भी उठाया और कहा कि दुनियाभर में कच्चे तेल की गिरती कीमत के बावजूद भारत में पेट्रोल के दाम बढ़ते जा रहे हैं। सब्जी, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा सब महंगी ही हुई है, जबकि मोदीजी महंगाई कम करने की बात करते थे। उन्होंने आदवासियों से भी झूठे वादे किए। वर्ष 2007 में 15 हजार करोड़ और 2012 में 40 हजार करोड़ आदिवासी विकास के लिए देने की बात कही थी। इन्हें घर, रोजगार, बिजली और अन्य सुविधाएं देने की बात की थी, पर क्या हुआ।
गांधी ने कहा कि गुजरात में अब बदलाव का समय आ गया है। भाजपा में ऊपर से शांति दिख रही है पर नीचे से जमीन खिसक गई है। नरेन्द्र मोदीजी की जो छवि थी जिस पर पूरे गुजरात ने भरोसा किया था उसकी सच्चाई लोग समझ गए हैं। कुछ ही महीने में यहां चुनाव होंगे, नई सरकार बनेगी। वह सरकार प्रधानमंत्री की तरह मन की बात नहीं करेगी, जनता के मन की बात सुनेगी और उसके हिसाब से काम करेगी।
गांधी ने कहा कि गुजरात में मोदीजी का मॉडल चुने हुए उद्योगपतियों के लिए है। इसकी जगह कांग्रेस की सरकार पूर्व में पूरे देश को रास्ता दिखाने वाले गुजरात जिसने महात्मा गांधी, सरदार पटेल, श्वेत क्रांति जैसी चीजें देश को दी हैं, का मॉडल लाकर फिर से देश को रास्ता दिखाएगी।
उन्होंने कहा कि यहां विकास को जो पागल कर दिया है उसे पागलखाने से बाहर लाना पड़ेगा और उसे ठीक करना पड़ेगा। कांग्रेस ऐसा करेगी। गांधी ने दोहराया कि कांग्रेस की सरकार बनते ही राज्य में किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा। गांधी ने इससे पहले स्थानीय आदिवासियों के साथ नृत्य भी किया। (वार्ता)