पंजाब में मंगलवार को जहां कांग्रेस की युवा शाखा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ प्रदर्शन किया, वहीं कर्नाटक में कांग्रेस के खिलाफ भाजपा ने मोर्चा खोल दिया। इसके अलावा महाराष्ट्र में मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे सफाईकर्मी संगठन के 40 से अधिक लोगों को मुंबई पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
चंडीगढ़ में युवा कांग्रेस के प्रमुख मनोज लुबाना के नेतृत्व में हाल में हुए महापौर चुनाव में कथित धांधली के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने 30 जनवरी को हुए महापौर चुनाव के दौरान मतपत्रों के साथ कथित छेड़छाड़ करने पर पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। लुबाना ने कहा कि हम 30 जनवरी को हुई लोकतंत्र की हत्या के खिलाफ आज प्रदर्शन कर रहे हैं।
प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने चुनावी कार्यवाही का वीडियो देखने के बाद अप्रसन्नता जताते हुए कहा था कि प्रथम दृष्टया निर्वाचन अधिकारी मतपत्रों को विरूपित कर रहे थे।
भाजपा ने 30 जनवरी को चंडीगढ़ महापौर चुनाव में आप-कांग्रेस गठबंधन को हरा दिया था। इस चुनाव में भाजपा के मनोज सोनकर ने आप के कुलदीप कुमार को हराया था। सोनकर को उनके प्रतिद्वंद्वी के 12 वोट के मुकाबले 16 वोट मिले थे। आठ वोट अवैध घोषित किए गए थे।
इस बीच कर्नाटक की भाजपा इकाई ने मंगलवार को राज्य की कांग्रेस सरकार पर 'गौ विरोधी' होने का आरोप लगाते हुए मवेशियों के साथ विरोध प्रदर्शन किया। पार्टी नेता गायों के साथ यहां फ्रीडम पार्क में एकत्र हुए। भाजपा नेता पी. राजीव ने आरोप लगाया कि सिद्धारमैया सरकार 'गौ विरोधी' है, क्योंकि वह बेंगलुरु में कोई गाय नहीं चाहती।
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर सरकार ने अपनी गौ विरोधी नीति नहीं छोड़ी तो गायों के साथ विधान सौंध का घेराव किया जाएगा। इस अवसर पर रायथा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ए.एस. नादहल्ली ने कांग्रेस सरकार पर पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा लागू की गईं और बी.एस. येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान शुरू की गईं किसान समर्थक योजनाओं को रोकने का आरोप लगाया।
वहीं महाराष्ट्र में मुंबई पुलिस ने मंगलवार को अनुकंपा के आधार पर नौकरी की मांग को लेकर मंत्रालय के सामने प्रदर्शन कर रहे सफाई कर्मचारियों के एक संगठन के 40 से अधिक लोगों को हिरासत में ले लिया। अधिकारी ने बताया कि राज्य सफाई कामगार संगठन के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी अपराह्न करीब 2.30 बजे राज्य सचिवालय मंत्रालय के सामने एकत्र हुए।
उन्होंने कहा कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने अनुकंपा के आधार पर नौकरी की मांग को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से भी मिलने की मांग की। अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया और उन्हें आजाद मैदान ले गई, जो विरोध प्रदर्शन के लिए निर्दिष्ट मैदान है।(भाषा)