राज्यपाल कैबिनेट द्वारा बुलाए सत्र को कैसे मना कर सकते हैं? फिर तो जनतंत्र खतम है
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 21, 2022
दो दिन पहले राज्यपाल ने सत्र की इजाज़त दी। जब ऑपरेशन लोटस फ़ेल होता लगा और संख्या पूरी नहीं हुई तो ऊपर से फ़ोन आया कि इजाज़त वापिस ले लो
आज देश में एक तरफ़ संविधान है और दूसरी तरफ़ ऑपरेशन लोटस। pic.twitter.com/BHwuyUG23X
आप नेता सौरभ भारद्वाज ने ट्वीट कर कहा कि इसका मतलब साफ़ है - अगर विश्वास मत पास हो गया तो पंजाब में आप की सरकार को 6 महीने तक बीजेपी ऑपरेशन लोटस से गिरा नहीं पाएगी। इसलिए विश्वास मत के ख़िलाफ़ है बीजेपी के राज्यपाल महोदय।राज्यपाल द्वारा विधानसभा ना चलने देना देश के लोकतंत्र पर बड़े सवाल पैदा करता है... अब लोकतंत्र को करोड़ों लोगों द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधि चलाएंगे या केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया हुआ एक व्यक्ति... एक तरफ भीमराव जी का संविधान और दूसरी तरफ ऑपरेशन लोटस...जनता सब देख रही है... https://t.co/XWWqs2FYzj
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) September 21, 2022
इसका मतलब साफ़ है - अगर विश्वास मत पास हो गया तो पंजाब में आप की सरकार को 6 महीने तक भाजपा ऑपरेशन लोटस से गिरा नहीं पाएगी। इसलिए विश्वास मत के ख़िलाफ़ है भाजपा के राज्यपाल महोदय।#OperationLotus Exposed https://t.co/GTZNotfuJX
— Saurabh Bharadwaj (@Saurabh_MLAgk) September 21, 2022