जम्मू। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) ने पुलवामा आतंकवादी हमले (Pulawama terrorist attack) की साजिश रचने और उसे अंजाम देने के मामले में मंगलवार को यहां एक विशेष अदालत में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर समेत 19 लोगों के खिलाफ आरोप-पत्र (Chargesheet) दायर किया।
गौरतलब है कि पिछले साल दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ (CRPF) के काफिले पर हुए उस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे।
अधिकारियों ने कहा कि एनआईए ने इलेक्ट्रॉनिक सबूतों और विभिन्न मामलों में गिरफ्तार आतंकवादियों तथा उनसे सहानुभूति रखने वालों के बयानों की मदद से इस 'पेचीदा मामले' की गुत्थी सुलझाई है।
जांच एजेंसी द्वारा दायर 13,500 पन्नों के इस आरोप-पत्र में आत्मघाती बम हमलावर आदिल डार को शरण देने और उसका अंतिम वीडियो बनाने के लिए पुलवामा से गिरफ्तार किये गए लोगों को नामजद किया गया है। डार ने पिछले साल 14 फरवरी को दक्षिण कश्मीर के लेथपुरा के निकट लगभग 200 किलो विस्फोटक से भरे वाहन से सीआरपीएफ के काफिले को टक्कर मार दी थी।
इस मामले की जांच का नेतृत्व कर रहे एनआईए के संयुक्त निदेशक अनिल शुक्ला ने ताकतवर बैटरियों, फोन और केमिकल खरीदने के लिए आतंकी मॉड्यूल के साजिशकर्ताओं द्वारा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों का इस्तेमाल किए जाने की भी बात कही है। अधिकारियों ने बताया कि एनआईए इस मामले में अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
आरोप-पत्र में अजहर के अलावा विभिन्न मुठभेड़ों में मारे गए 7 आतंकवादियों, चार भगोड़ों का नाम शामिल है। इनमें से दो भगोड़े अब भी जम्मू-कश्मीर में छिपे हुए हैं, जिनमें एक स्थानीय निवासी और एक पाकिस्तानी नागरिक शामिल है।
आरोप-पत्र में मसूद अजहर के दो संबंधियों अब्दुल रऊफ और अम्मार अल्वी के नाम मुख्य षड्यंत्रकारी के रूप में दर्ज हैं। मृतकों में जैश के आतंकवादी मोहम्मद उमर फारूक का करीबी संबंधी भी शामिल है, जो 2018 के अंत में सांबा जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर प्राकृतिक गुफाओं के जरिए भारत में दाखिल हुआ था। (भाषा)