Manipur violence: मणिपुर में हिंसा रोकने और शांति बहाल करने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में लोगों ने शुक्रवार को दिल्ली, बिहार, झारखंड, केरल, गोवा आदि राज्यों में विरोध प्रदर्शन किया। मणिपुर में 4 मई को हुई एक घटना का वीडियो बुधवार को सामने आने के बाद से राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक समुदाय के कुछ लोग अन्य समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमा रहे हैं।
दिल्ली में, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन और क्रांतिकारी युवा संगठन के नेतृत्व में कार्यकर्ता तख्तियां और बैनर लेकर जंतर-मंतर पर एकत्र हुए। इन तख्तियों और बैनरों पर "मुख्यमंत्री बीरेन सिंह इस्तीफा दो" और "मणिपुर में हिंसा समाप्त करो" जैसे संदेश लिखे थे।
क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) ने एक बयान में कहा कि केवाईएस इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह से तुरंत इस्तीफा देने की मांग करता है।
वहीं, इस मामले पर झारखंड की राजधानी रांची में शुक्रवार को आदिवासी संगठनों ने विरोध मार्च निकाला। लगभग 10 अलग-अलग आदिवासी संगठनों ने जयपाल सिंह स्टेडियम से अल्बर्ट एक्का चौक तक मार्च निकाला, जहां प्रतिभागियों ने कथित तौर पर हिंसा को रोकने में विफल रहने के लिए केंद्र और मणिपुर सरकार के खिलाफ नारे लगाए। मणिपुर में हो रही हिंसा में अब तक 160 लोगों की जान चली गई है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
केंद्रीय सरना समिति (केएसएस) के केंद्रीय अध्यक्ष अजय तिर्की ने कहा कि दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाने की घटना ने देश को शर्मसार कर दिया है। हम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मामले को गंभीरता से लेने की अपील करते हैं। हम मांग करते हैं कि मणिपुर में तुरंत राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।
इस बीच, मणिपुर में महिलाओं पर अत्याचार के विरोध में शुक्रवार को गोवा में एक महिला ने अपना सिर मुंडवा लिया। समान विचारधारा वाले नागरिकों के एक समूह ने घटना की निंदा करते हुए पणजी के आज़ाद मैदान में विरोध प्रदर्शन आयोजित किया।
एक ओर प्रदर्शनकारियों ने मणिपुर में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ नारे लगाए, तो समूह की एक महिला ने अपना सिर मुंडवा लिया।
शर्मनाक घटना : मणिपुर में भीड़ द्वारा दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने के वीडियो ने पश्चिम बंगाल में नागरिक
संस्था को स्तब्ध कर दिया है, जिसने इस घटना को शर्मनाक करार दिया है। देश की सांस्कृतिक राजधानी माने जाने वाले कोलकाता में फिल्म निर्माताओं और चित्रकारों ने इस घटना की एक स्वर में निंदा की।
फिल्म निर्माता एवं सामाजिक कार्यकर्ता अपर्णा सेन मणिपुर की घटना पर प्रतक्रिया के लिए आग्रह करने पर रो पड़ीं और उन्होंने इस घटना को नारीमेध यज्ञ (नारी की आहुति देना) करार दिया। बंगाली अभिनेता परमब्रत चटर्जी ने कहा कि मणिपुर के वीडियो ने उन्हें स्तब्ध कर दिया है।
चित्रकार समीर आइच ने कहा कि 19 जुलाई को सामने आए वीडियो में मणिपुर का स्तब्ध कर देने वाला दृश्य देश पर एक धब्बा है। उन्होंने कहा कि मुझे आश्चर्य होता है कि क्या हम इस बात पर गर्व कर सकते हैं कि हमारे देश की स्थिति तालिबान शासित अफगानिस्तान से बेहतर है।
वीडियो के पीछे राजनीति : वहीं, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा ने मणिपुर में दो आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने के वायरल वीडियो के जारी होने के समय पर सवाल उठाते हुए कहा कि संसद के मानसून सत्र से ठीक एक दिन पहले इसे जारी करना राजनीति है। उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे कुछ विपक्ष शासित राज्यों में दुष्कर्म की घटनाएं भाजपा शासित मणिपुर या अन्य पूर्वोत्तर राज्यों की तुलना में बहुत अधिक हैं।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala (भाषा/वेबदुनिया)