उत्तरप्रदेश और बिहार समेत देश के कई राज्यों में शनिवार को भी नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) और NRC के विरोध में प्रदर्शन हो रहा है। सोशल मीडिया पर किसी तरह की अफवाह न फैले, इसे लेकर कई राज्यों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। इंटरनेट बंद होने से लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
लोगों के रोजमर्रा की कई सेवाएं इंटरनेट से जुड़ी हुई हैं, इससे उन पर सीधा असर पड़ा है। इससे रेस्तरां, जोमैटो और स्विगी जैसे ऑनलाइन ऐप की बिक्री में 60 प्रतिशत की गिरावट आई। इंटरनेट बंद होने से कई बैंकों में भी काम पर असर पड़ा है।
कानपुर के रेडीमेट गारमेंट का काम करने वाले संजय दि्वेदी का कहना है कि नोटबंदी के बाद से डिजीटल को बढ़ावा मिला था और जेब में नकदी कम रखने की आदत कम पड़ गई थी। 2 दिन से इंटरनेट बंद होने से कोई भी ऑनलाइन पैमेंट नहीं कर पा रहे हैं।
दि्वेदी का कहना है कि इंटरनेट बंद होने से स्वाइप मशीन भी काम नहीं कर रही है। इससे ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरकार को सोशल मीडिया पर बैन लगाना था, न कि इंटरनेट पर, क्योंकि अफवाहें सोशल मीडिया से ही फैलती हैं।
अधिवक्ता आयुष सिंह का कहना है कि डिजीटलाइजेशन आने से पेपर वर्क में कमी आई है। मैं खुद कोर्ट के आदेश नेट पर देखता हूं। 2 दिन से इंटरनेट बंद होने से मुझे और मेरे पक्षकारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कम्प्यूटर सेंटर चलाने वाले अनिरुद्ध यादव का कहना है कि लर्निंग लाइसेंस ऑनलाइन भरे जाते हैं। पिछले 2 दिनों से इंटरनेट नहीं चलने से काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है। इस दौरान लाइसेंस बनवाने आने वाले लोगों को भी खाली हाथ लौटना पड़ा है।