पैगंबर मोहम्मद पर भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा (अब पूर्व) की कथित टिप्पणी को लेकर केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार बुरी तरह चौतरफा घिर गई है। एक तरफ 57 मुस्लिम देशों के इस्लामिक संगठन (OIC) ने भारत सरकार की आलोचना की है, वहीं कतर, कुवैत, ईरान और अरब ने भी निजी स्तर पर आलोचना की है। साथ भारत से इस मामले में सार्वजनिक रूप से मांफी मांगने की बात कही गई है।
हालांकि भारत सरकार ने इस मामले में कड़ा रुख अख्तियार करते हुए ओआईसी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने स्पष्ट शब्दों में OIC के बयान को खारिज करते हुए इसे संकीर्ण सोच वाली टिप्पणी बताया है। उन्होंने कहा कि भारत सभी धर्मों का समान रूप से आदर करता है।
बागची ने कहा कि इस टिप्पणी को व्यक्तिगत बताते हुए कहा कि इसका भारत सरकार से कोई लेना-देना नहीं है। संबंधित संगठन द्वारा इस तरह की टिप्पणी करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। आपको बता दें कि पैगंबर पर विवादित बयान के मामले में भाजपा ने अपनी प्रवक्ता नूपुर शर्मा को 6 साल के निलंबित कर दिया है, जबकि नवीन कुमार जिंदल को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। सऊदी अरब और बहरीन ने इस फैसले का स्वागत किया है।
हालांकि निलंबन के बाद नूपुर शर्मा ने अपना वापस ले लिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि टीवी पर बहस के दौरान मेरे भगवान के खिलाफ विवादित बोल बोले जा रहे थे, जो मुझे बर्दाश्त नहीं हुआ। इसी रोष में आकर मैंने कुछ आपत्तिजनक कह दिया, जिसे मैं बिना शर्त वापस लेती हूं। लोगों का गुस्सा अभी शांत नहीं हुआ है। इस मामले में कानपुर में बड़ा उपद्रव हुआ। इसके बाद बरेली में भी आंशिक तौर पर तनाव देखने को मिला। आगरा में भी छोटी-सी बात पर दो समुदाय आमने-सामने हो गए।
दरअसल, आईओसी ने इस विवाद को भारत बनाम इस्लाम बनाने की कोशिश जरूर की, लेकिन उसे अपेक्षित सफलता नहीं मिली। पाकिस्तान के नए नवेले प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी आग में घी डालने का ही काम किया। उन्होंने कहा कि मैं हमारे प्यारे पैगंबर मोहम्मद के बारे में भारत के बीजेपी नेता की आहत करने वाली टिप्पणियों की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। हमने बार-बार कहा है कि मोदी के नेतृत्व में भारत धार्मिक स्वतंत्रता को रौंद रहा है और मुस्लिमों को सता रहा है। दुनिया को भारत को कड़ी फटकार लगानी चाहिए। शरीफ यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि मुस्लिम पैगंबर मोहम्मद के प्रेम और इज्जत के लिए अपनी जान दे सकते हैं।
दूसरी ओर, नूपुर शर्मा को सोशल मीडिया पर कुछ हिन्दू नेताओं का समर्थन मिला है, वहीं एमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने नूपुर की गिरफ्तारी की मांग की है। उन्होंने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या कतर और ईरान के कहने के बाद ही कार्रवाई की जाएगी?
इस पूरे मामले में भारत सरकार के लिए परेशानी की वजह इसलिए भी है क्योंकि 75 लाख से ज्यादा भारतीय मध्य एशिया के इन मुस्लिम देशों में काम करते हैं। इसके साथ ही भारत अपनी जरूरत का कुल 52.7% तेल इन्हीं देशों से आयात करता है। ऐसे में मुस्लिम देशों की नाराजगी भारत और नरेन्द्र मोदी सरकार के लिए मुश्किल का सबब बन सकती है।