नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में 'आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान' की शुरुआत को लेकर शनिवार को सवाल किया कि क्या सिर्फ प्रचार करने से युवाओं को रोजगार मिल जाएगा।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को 'आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान' की शुरुआत की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जिस तरह 'आपदा' को 'अवसर' में बदला गया, देश के अन्य राज्यों को भी इस योजना से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।
प्रियंका ने फेसबुक पोस्ट में कहा, कल उत्तर प्रदेश में रोजगार के एक इवेंट की खूब ढोल पीटकर शुरुआत हुई। इस कार्यक्रम में रोजगार की जिन भी श्रेणियों की बात की गई, उनमें से ज्यादातर की हालत पतली है।
उन्होंने दावा किया, स्वरोजगार वाले लोग सरकार से सीधे आर्थिक मदद के अभाव में जबरदस्त संकट में हैं। छोटे और मझोले क्षेत्र के उद्योगों की हालत तो इतनी पतली है कि एक अनुमान के अनुसार 62 प्रतिशत एमएसएमई नौकरियों में कटौती और 78 प्रतिशत तनख्वाहों में कटौती करेंगे।
कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने कहा, उप्र में में देखें तो चिकन उद्योग, वुडवर्क, पीतल उद्योग, पावरलूम सेक्टर, दरी उद्योग की हालत पतली है। अभी हाल ही में बुंदेलखंड में बाहर से आए प्रवासी मजदूरों द्वारा आत्महत्या की घटनाएं हमारे सामने हैं। कानपुर में आर्थिक तंगी व रोजगार न होने की वजह से आत्महत्या की दुखद घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
उन्होंने सवाल किया, ऐसे में उप्र सरकार क्या ढंकने का प्रयास कर रही है? क्या केवल प्रचार से रोजगार मिलेगा? इन रोजगारों के ठोस आंकड़े सरकार के किस पोर्टल पर मौजूद हैं? पिछली बार विधानसभा में रखे गए आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में एक साल के अंदर लगभग 12 लाख पंजीकृत बेरोजगार बढ़ गए थे? आखिर सच्चाई क्या है?(भाषा)