प्रियंका गांधी ने वैसे तो राजनीति से काफी समय से दूरी बनाकर रखी है, लेकिन गुरुवार तीन राज्यों के मुख्यमंत्री के चयन को लेकर जब कांग्रेस मुश्किल में थी, तब प्रियंका गांधी 'कौन होगा मुख्यमंत्री' के इस विचार मंथन में शामिल हुई थीं। इससे राजनीतिक विश्लेषक भी हैरान थे। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रियंका महत्वपूर्ण भूमिका में नजर आ सकती हैं।
कांग्रेस के अंदर भी समय-समय पर ये मांग उठती रही है कि 2019 के लोकसभा के चुनाव में मोदी को टक्कर देने के लिए प्रियंका गांधी को कांग्रेस का चेहरा बनाया जाना चाहिए। लेकिन, तीन राज्यों में कांग्रेस की सफलता के बाद यह संभावना कम है क्योंकि अब कांग्रेस का 'चेहरा' निर्विवाद रूप से राहुल गांधी ही रहेंगे। यह संभव है कि प्रियंका अपने भाई की 'मददगार' के रूप में 2019 में अहम भूमिका निभाएं।
तीन राज्यों में जीत ने कांग्रेस के लिए संजीवनी का काम किया है। इससे कार्यकर्ता से लेकर बड़े नेताओं में एक नया जोश भरा है। राहुल गांधी भी इस जीत के बाद केंद्र सरकार और मोदी पर आरोपों को लेकर आक्रामक हो गए हैं। ऐसे में अगर प्रियंका गांधी भी लोकसभा चुनाव में सक्रिय दिखाई दें तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
बहरहाल कांग्रेस को जीत के रास्ते पर लौटते देख प्रियंका ने जिस तरह से राजनीति में रुचि लेना शुरू किया है उससे कांग्रेस को जरूर मजबूती मिलेगी। निकट भविष्य में गांधी भाई-बहन एक और एक ग्यारह की भूमिका में दिख सकते हैं।