कोझिकोड (केरल)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि मीडिया लोगों के जीवन को बदलने में सकारात्मक भूमिका निभा सकता है। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन, योग, स्वास्थ्य और बेटी बचाओ बेटी पढाओ जैसी सरकार की महत्वाकांक्षी पहल को बढ़ावा देने में चौथे स्तंभ के योगदान की सराहना की।
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रमुख मलयालम दैनिक मातृभूमि के शताब्दी वर्ष समारोह का ऑनलाइन माध्यम से उद्घाटन करते हुए कहा, मैंने देखा है कि मीडिया का सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। स्वच्छ भारत मिशन का उदाहरण जगजाहिर है। प्रत्येक मीडिया घराने ने इस मिशन को बड़ी गंभीरता से लिया है।
उन्होंने कहा कि मीडिया ने योग, स्वास्थ्य और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी पहलों को लोकप्रिय बनाने में बहुत उत्साहजनक भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि ये राजनीति और राजनीतिक दलों के क्षेत्र से बाहर के विषय हैं।मोदी ने कहा, ये पहल आने वाले वर्षों में एक बेहतर राष्ट्र बनाने के बारे में हैं।
कई सरकारी पहल और योग जैसी फिटनेस गतिविधियों को लोकप्रिय बनाने में मीडिया द्वारा निभाई गई भूमिका की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि स्वतंत्रता संग्राम की ऐसी घटनाओं और स्वतंत्रता सेनानियों से जुड़े ऐसे अनसुने किस्सों को चौथे स्तंभ के जरिए सामने लाया जा सकता है, जिनके बारे में लोगों को अधिक जानकारी नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा, किसी भी राष्ट्र के विकास के लिए अच्छी नीतियां बनाना एक अहम पहलू है। हालांकि नीतियों को सफल बनाने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि बड़े पैमाने पर परिवर्तन हो, समाज के सभी क्षेत्रों से सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता होती है। इसके लिए मीडिया एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालिया वर्षों में मैंने मीडिया के सकारात्मक प्रभाव को देखा है।
उन्होंने कहा, इसी तरह, हर शहर या गांव में स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े स्थान हैं और उनके बारे में ज्यादा जानकारी सामने नहीं आ सकी है। हम उन जगहों को रेखांकित कर सकते हैं और लोगों को वहां की यात्रा करने के लिए प्रोत्साहित भी कर सकते हैं। मोदी ने गैर-मीडिया पृष्ठभूमि के लेखकों को प्रोत्साहित करने का भी सुझाव दिया।
उन्होंने कहा, क्या हम गैर-मीडिया पृष्ठभूमि से आने वाले अन्य लेखकों को प्रोत्साहित करने और उन्हें अपने लेखन कौशल का प्रदर्शन करने के लिए एक मंच दे सकते हैं? हमारी विविधता भारत की सबसे बड़ी ताकत में शुमार है।
अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने कोविड-19 महामारी और उसके बाद उपजे आर्थिक संकट से देश के निपटने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जब महामारी भारत में पहुंची तो ऐसी अटकलें लगाई गईं कि देश इसे संभाल नहीं पाएगा।
मोदी ने कहा, भारत के लोगों ने ऐसे आलोचकों को गलत साबित कर दिया। हमने पिछले दो वर्षों का उपयोग अपने सामाजिक स्वास्थ्य ढांचे और अर्थव्यवस्था के सुधार के लिए किया। दो वर्षों में 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मिला और 180 करोड़ लोगों को टीकों की खुराक दी गई।
उन्होंने कहा, ऐसे समय में जब कई देश टीके से जुड़ी हिचकिचाहट को दूर करने में असमर्थ हैं, भारत के लोगों ने रास्ता दिखाया है। भारत के प्रतिभाशाली युवाओं के जरिए हमारा देश आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में 'मातृभूमि' के योगदान और इसके कुछ अग्रणी स्तभों जैसे केपी केशव मेनन, केए दामोदर मेनन, केरल के गांधी के. केलप्पन और कुरूर नीलकंठन नंबूदरीपाद को भी याद किया।
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन भी ऑनलाइन कार्यक्रम में शामिल हुए। इसमें केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन और राज्य के पर्यटन मंत्री पीए मोहम्मद रियास सहित कई अन्य हस्तियों ने भी हिस्सा लिया। कार्यक्रम के दौरान विजयन ने कहा कि मातृभूमि की स्वतंत्रता संग्राम के प्रति प्रतिबद्धता सर्वविदित है।(भाषा)