Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

चकाचौंध में खोना नहीं, दबाव लिये बिना खेलना: प्रधानमंत्री मोदी ने ओलंपिक जा रहे खिलाड़ियों से कहा

हमें फॉलो करें Modi With Olympians

WD Sports Desk

, शुक्रवार, 5 जुलाई 2024 (13:29 IST)
पेरिस ओलंपिक जा रहे भारतीय खिलाड़ियों को जीत हार का दबाव नहीं लेते हुए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की सलाह देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हें ओलंपिक की चकाचौंध में खोये बगैर अपना फोकस बनाये रखना है।

प्रधानमंत्री मोदी ने पेरिस ओलंपिक जा रहे खिलाड़ियों से शुक्रवार को व्यक्तिगत और आनलाइन बातचीत में कहा ,‘‘ मेरी कोशिश रहती है कि खेल जगत से जुड़े देश के सितारों से मिलता रहूं, नयी चीजें जानता रहूं और उनके प्रयासों को समझता रहूं। सरकार के नाते व्यवस्था में कुछ बदलाव लाने हैं तो काम करता रहूं । मेरी कोशिश सभी से सीधे बात करने की होती है।’’

उन्होंने कहा कि ओलंपिक की चकाचौंध में खोना नहीं है क्योंकि इससे फोकस हटता है और ना ही विरोधी को देखकर विचलित होना है।उन्होंने कहा ,‘‘यह कद काठी का खेल नहीं है बल्कि कौशल का खेल है। विरोधी खिलाड़ी की कद काठी से विचलित हुए बिना अपनी प्रतिभा पर फोकस रखें और वही परिणाम दिलायेगा।’’

उन्होंने कहा ,‘‘बहुत से लोग सब कुछ जानते हुए भी परीक्षा में गड़बड़ कर देते हैं और उसका मूल कारण है कि परीक्षा पर ध्यान कम होता है और वह अच्छे अंक लाने के दबाव में रहते है। आप जीत हार की चिंता मत कीजिये , पदक आते हैं और नहीं भी आते। इसका दबाव मत लीजिये लेकिन अपना शत प्रतिशत दीजिये।’’
webdunia

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि भारतीय खिलाड़ी पेरिस में पुराने तमाम रिकॉर्ड तोड़कर देश के लिये गौरव लेकर आयेंगे।

उन्होंने कहा ,‘‘ आप अपनी तपस्या से इस स्थान तक पहुंचे हैं। अब देश को खेल के मैदान पर कुछ देने का मौका है। खेल के मैदान में अपना सर्वश्रेष्ठ देने वाला देश के लिये गौरव लेकर आता है। मुझे विश्वास है कि इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोडकर हमारे खिलाड़ी आयेंगे।’’

उन्होंने कहा कि वह ओलंपिक से लौटने के बाद खिलाड़ियों के स्वागत का इंतजार करेंगे।मोदी ने कहा ,‘‘ मैं आपका फिर से इंतजार करूंगा जब आप 11 अगस्त को ओलंपिक खत्म होने के बाद लौटेंगे। मैं कोशिश करूंगा कि 15 अगस्त को लालकिले पर होने वाले स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में आप मौजूद रहें ताकि देश आपको देख सके क्योंकि जीत हार तो अलग लेकिन ओलंपिक खेलने जाना ही बहुत बड़ी बात है।’’

उन्होंने खिलाड़ियों से अपनी नींद का पूरा ध्यान रखने के लिये भी कहा।उन्होंने कहा ,‘‘ खेल जगत में अभ्यास और निरंतरता का जितना महत्व है उतना ही नींद का है।आप सोचोगे कि प्रधानमंत्री आपको सोने के लिये कह रहे हैं। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि अच्छी नींद बहुत जरूरी है। शरीर की मेहनत वाली नींद एक बात है और सभी चिंताओं से मुक्त होकर सोना अलग है।’’

प्रधानमंत्री मोदी ने खिलाड़ियों से ओलंपिक के दौरान सीखने का भी आग्रह किया।उन्होंने कहा ,‘‘खिलाड़ी नाकाम होने पर भी कभी परिस्थिति को दोष नहीं देत। हम अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिये जा रहे हैं लेकिन ओलंपिक सीखने का भी बहुत बड़ा मैदान होता है। अपने खेल के अलावा बाकी खेलों को भी देखने का मौका होता है ताकि नया सीख सकें।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ सीखने की आदत से काम करने वाले के लिये सीखने के बहुत अवसर होते हैं। यूं तो दुनिया के समृद्ध और उत्तम सुविधाओं के साथ आये हुए देश के लोग भी शिकायत करते नजर आयेंगे लेकिन हमारे खिलाड़ी कठिनाइयों को, असुविधाओं को हाशिये पर रखकर मिशन के लिये लग जाता है क्योंकि उसके मन में तिरंगा , अपना देश होता है।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ हम खिलाड़ियों को पहले इसलिये भेजते हैं कि वहां के अनुकूल ढल सकें। खिलाड़ियों की सुविधा के लिये इस बार भी कुछ नया करने का प्रयास किया है। वहां के भारतीय समुदाय को भी हम सक्रिय करते हैं जो वह रखते हैं।’’
webdunia

प्रधानमंत्री के साथ बातचीत में हॉकी कप्तान हरमनप्रीत सिंह, गोलकीपर पी आर श्रीजेश , तीरंदाज दीपिका कुमारी, पहलवान अंतिम पंघाल, निशानेबाज मनु भाकर, रमिता जिंदल, चौदह वर्ष की तैराक धिनिधि देसिंघु के अलावा आनलाइन जुड़ने वालों में ओलंपिक और विश्व चैम्पियन भालाफेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा, दो बार की ओलंपिक पदक विजेता बैडमिंटन खिलाड़ी पी वी सिंधु और मुक्केबाज निकहत जरीन समेत लगभग 90 खिलाड़ी शामिल थे।

पेरिस ओलंपिक 26 जुलाई से 11 अगस्त के बीच खेले जायेंगे। भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन तोक्यो ओलंपिक में रहा है जिसमें भालाफेंक में नीरज चोपड़ा के ऐतिहासिक स्वर्ण समेत सात पदक जीते।भारत के 100 से अधिक खिलाड़ियों ने ओलंपिक के लिये क्वालीफाई किया है। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

राहुल गांधी की आंखों में आंसू, क्या बोला हाथरस हादसे का पीड़ित?