नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत के बावजूद पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार प्रेमकुमार धूमल और प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती को मिली हार ने पार्टी को झटका दिया है, जबकि सत्ताधारी कांग्रेस को मिली करारी शिकस्त के बाद भी मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे।
हालांकि वीरभद्र सरकार के कई वरिष्ठ मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है। 68 सदस्यों वाली हिमाचल प्रदेश विधानसभा सीटों में भाजपा 44, कांग्रेस 21 पर विजयी रही। तीन सीटें अन्य के खाते में गई। 83 वर्षीय वीरभद्र सिंह ने अर्की विधानसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार रत्तनसिंह पाल को करीब 6,000 वोटों से हराया जबकि भाजपा के सीएम उम्मीदवार धूमल (73) को सुजानपुर सीट पर हार का सामना करना पड़ा।
सुजानपुर सीट से कांग्रेस उम्मीदवार राजिंदर राणा ने धूमल को करीब 3,000 वोटों से पराजित किया। मुख्यमंत्री वीरभद्र के बेटे और पहली बार चुनाव लड़ रहे विक्रमादित्य सिंह (28) ने शिमला ग्रामीण विधानसभा सीट पर करीब 5,000 वोटों से जीत दर्ज की। विक्रमादित्य ने भाजपा उम्मीदवार प्रमोद शर्मा को शिकस्त दी।
वीरभद्रसिंह सरकार में सबसे वरिष्ठ मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता कौलसिंह ठाकुर को दरंग सीट पर भाजपा के जवाहर ठाकुर ने करीब 6,500 वोटों से हराया जबकि कैबिनेट मंत्री प्रकाश चौधरी को बल्ह सीट पर भाजपा उम्मीदवार इंदर सिंह गांधी ने करीब 13,000 वोटों से पराजित किया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपालसिंह सत्ती को ऊना सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार सतपाल सिंह रायजादा के हाथों हार का सामना करना पड़ा।
रायजादा ने सत्ती को करीब 3,000 वोटों से हराया। धर्मशाला में भाजपा के किशन कपूर ने शहरी विकास मंत्री एवं कांग्रेस उम्मीदवार सुधीर शर्मा को करीब 3,000 वोटों से शिकस्त दी। कुल्लू विधानसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार सुदर सिंह ठाकुर ने भाजपा के वरिष्ठ नेता महेश्वर सिंह को करीब 1500 वोटों से मात दी।
भरमौर सीट पर भाजपा के जिया लाल ने वीरभद्र सरकार में वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी को 7,349 वोटों से हराया। डेहरा से निर्दलीय उम्मीदवार होशियार सिंह ने भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं (रविंदर रवि और विप्लव ठाकुर) को बड़े अंतर से हराया। हिमाचल प्रदेश सरकार में मंत्री धनी राम शांडिल ने सोलन विधानसभा सीट पर अपने दामाद और भाजपा उम्मीदवार राजेश कश्यप को 671 वोटों से मात दी।
राज्य में वामपंथ का चेहरा माने जाने वाले माकपा नेता राकेश सिंघा ने ठियोग विधानसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार राकेश वर्मा को करीब 2,000 वोटों से मात दी। सिंघा इससे पहले 1993 में शिमला विधानसभा सीट से विधायक बने थे। वीरभद्र सिंह सरकार में परिवहन मंत्री जीएस बाली को नगरोटा सीट पर भाजपा उम्मीदवार अरुण कुमार ने करीब 600 वोटों से हराया।
राज्य विधानसभा में डिप्टी स्पीकर जगत सिंह नेगी किन्नौर सीट पर महज 120 सीटों से जीते। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार तेजवंत सिंह नेगी को हराया। कांग्रेस के पंजाब मामलों की प्रभारी रह चुकीं आशा कुमारी डलहौजी सीट पर महज 556 वोटों से जीत दर्ज कर सकीं। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार डीएस ठाकुर को हराया।