अहमदाबाद। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने मंगलवार से यहां आमरण अनशन शुरू करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर खुला हमला बोला और मोदी पर करोड़ों हिन्दुओं से वादा-खिलाफी और पहले की सरकार में विरोध वाले मुद्दों पर यू-टर्न लेने (रुख बदलने) का आरोप लगाया।
उन्होंने यह भी कहा कि उनका मोदी से कोई व्यक्तिगत झगड़ा नहीं है। बेहद कड़े तेवर वाले भाषण के दौरान अयोध्या आंदोलन की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार 'हिन्दुओं की लाशों' पर सत्ता में आई है।
तोगड़िया ने यहां पालड़ी स्थित डॉ. वर्णिकर भवन में राम मंदिर के लिए कानून, गोरक्षा कानून समेत अन्य मुद्दों को लेकर साधु संतों के साथ अपने अनशन की शुरुआत के बाद अपने संबोधन में कहा कि वह उन मांगों पर अड़े रहे जिनका वादा कर भाजपा सत्ता तक पहुंची है। उन्हें राम मंदिर की मांग अथवा विहिप छोड़ने को कहा गया था। वह सिर कटा सकते हैं पर हिन्दुओं से गद्दारी नहीं कर सकते। मोदी सरकार ने न केवल अब तक एक भी वादा पूरा नहीं किया बल्कि करोड़ों हिन्दुओं और भाजपा, संघ और विहिप को छोटे छोटे चंदे देने वाले करोड़ों व्यापारियों से भी वादा खिलाफी की है।
उन्होंने कहा कि उनका मोदी से कोई व्यक्तिगत झगड़ा नहीं है। बार-बार मन की बात करने वाले मोदी को जनता को यह बताना चाहिए कि हमारा कोई झगड़ा नहीं है। हमारा न तो मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री पद के लिए झगड़ा है न ही कोई संपत्ति विवाद है। आज जो बात मैं कह रहा हूं वही बात मोदी चार साल पहले करते थे। पर सरकार बनने के बाद उन्होंने वादा पूरा नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि जब मनमोहनसिंह की सरकार थी तब मोदी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए संसद में कानून बनाने की बात पर मेरे साथ मंच पर बैठकर तालियां बजाते थे। 2014 में सत्ता में आने के बाद अब इस मामले के अदालत के समक्ष होने की बात करने वाले मोदी यह बताएं कि जब 1986 में जब राम जन्मभूमि का ताला खुला था अथवा मंदिर के लिए लालकृष्ण आडवाणी की 1990 की यात्रा या अन्य आंदोलन के दौरान क्या यह अदालत में नहीं था।
तोगड़िया ने कहा कि अगर उनका मोदी से व्यक्तिगत झगड़ा होता तो वर्ष 2001 में वह स्वयं गुजरात के मुख्यमंत्री बने होते। अगर उन्हें प्रतिष्ठा की चिंता हेाती तो वह पहले से ही डॉक्टर थे।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पहले की सरकारों के दौरान भाजपा मनरेगा, जीएसटी, खुदरा क्षेत्र में एफडीआई, पाकिस्तान के खिलाफ ढुलमुल रवैये समेत जिन मुद्दों का विरोध करती थी, मोदी की सरकार ने उन पर यू-टर्न ले लिया है और इनकी पक्षधर हो गई है।
सरकार के नोटबंदी और जीएसटी से 70 प्रतिशत गृह उद्योग बंद हो चुके हैं। उन्होंने पेट्रोल की ऊंची कीमत, पाकिस्तान को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा देने, बेरोजगारी, मंहगी शिक्षा, चिकित्सा, कश्मीरी हिन्दुओं के अब तक पुनर्वसन नहीं होने आदि के मुद्दों पर भी सरकार पर हमला बोला। तोगड़िया ने कहा कि श्रीलंका भारत से पेट्रोल खरीद कर सस्ते दर पर बेचता है जबकि भारत में यह 80 रुपए प्रति लीटर बिकता है। इसमें लगभग 40 रुपए टैक्स का ही है।
तोगड़िया ने कहा कि मोदी सरकार के चार साल में वादे पूरे नहीं हुए। अगर अयोध्या में राम मंदिर बनेगा तो क्या तोगड़िया का बनेगा। यह बात याद रखनी चाहिए कि आज भी सरकार के पास जो सत्ता है उसके लिए हजारों हिन्दू जेलों में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। मैं अपना सिर कटा लूंगा पर हिन्दुओं से गद्दारी नहीं कर सकता।
विहिप के पूर्व नेता ने कहा कि वह 100 करोड़ हिन्दुओं की आवाज दबाने के प्रयास के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करते रहेंगे। उनके समर्थन में हैदराबाद, नागपुर, कोच्चि, त्रिवेंद्रम और लखनऊ जैसे स्थानों पर भी अनशन हो रहे हैं। मेरे मेरे साथ पूरे देश की जनता है।
कई राज्यों में पैदा हुई नकदी संकट की चर्चा करते हुए तोगड़िया ने कहा कि इसके लिए बैंककर्मी जिम्मेदार नहीं है बल्कि नीरव मोदी, विजय माल्या जैसे लोग बैंकों का आठ लाख करोड़ रुपए एनपीए कर भाग गए हैं जिसके चलते ऐसी स्थितियां पैदा हो रही हैं। इतने पैसे से किसानों की कर्जमाफी और अन्य वादे पूरे किये जा सकते थे। सरकार हर साल एक करोड़ रोजगार देने के मामले में भी विफल रही है।
उन्होंने कहा कि पांच लाख कश्मीरी हिन्दू आज भी बसाए नहीं जा सके हैं। तीन करोड़ बांग्लादेशी घुसपैठियों को निकालने की बजाय रोहिंग्या मुसलमानों को बसाया जा रहा है। किसान आत्महत्या कर रहे हैं। सैनिकों को आए दिन पाकिस्तान मार रहा है पर उसे सबक सिखाने के लिए आपकी 56 इंच की छाती नहीं है, उल्टे उसे सबसे पसंदीदा देश यानी एमएफएन का दर्जा दिया गया है। (वार्ता)