नई दिल्ली। इस वर्ष देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए छात्रों को पढ़ाने वास्ते 68 देशों से 800 अतिथि आएंगे।
यह जानकारी मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को केंद्रीय शिक्षण संस्थानों के कुलपतियों के सम्मलेन को संबोधित करते हुए देते कहा कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए देश के विश्वविद्यालयों में विदेशी शिक्षकों को बुलाकर उनके व्याख्यान करने की योजना ज्ञान शुरू की है। इस योजना के तहत शिक्षक 2 सप्ताह भारत में रहकर छात्रों को पढ़ाएंगे। इस वर्ष 68 देशों के 800 शिक्षक आ रहे हैं। ज्ञान योजना को राज्यों तथा निजी विश्वविद्यालयों में भी लागू किया जा रहा है, क्योंकि ज्ञान बांटने की चीज है।
उन्होंने कहा कि ज्ञान बांटने के लिए ही वे शिक्षा जगत में पहले से बनी दीवारों को गिरा रहे हैं और सभी विश्वविद्यालयों को इसका लाभ देना चाहते हैं इसलिए अब कुलपतियों के सम्मेलन में राज्यों के विश्वविद्यालयों तथा निजी एवं डीम्ड विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को अब आमंत्रित करना शुरू किया है।
जावड़ेकर ने बताया कि ई-शोध सिन्धु के सस्ते ई-जर्नल की सुविधा अब निजी विश्वविद्यालयों, डीम्ड तथा राज्यों के विश्वविद्यालयों को भी मिलेगी। शोध कार्यों में चोरी को रोकने के लिए अब सॉफ्टवेयर सभी विश्वविद्यालयों को मुफ्त मिलेगा और उसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इंप्रिंट योजना के तहत निजी विश्वविद्यालयों को भी शोध कार्य के लिए प्रोजेक्ट्स मिलेंगे। उन्होंने ग्रेडेड स्वायत्तता की चर्चा करते हुए कहा कि अब तक 70 विश्वविद्यालयों को स्वायत्तता दी गई है। अब तक देश में 700 कॉलेजों को स्वायत्तता मिल चुकी है और 1970 से कॉलेजों को स्वायत्तता मिल रही है।
उन्होंने बताया कि स्वायत्तता के लिए 300 आवेदन अभी लंबित पड़े हैं। उन्होंने यह भी बताया कि मूक्स के तहत अब तक 1,000 कोर्सेस शुरू हो चुके हैं और 24 लाख छात्र उसका इस्तेमाल कर रहे हैं। उम्मीद है कि अगले वर्षों में इसकी संख्या 1 करोड़ तक पहुंच जाएगी। मानव संसाधन विकास मंत्री ने सभी कुलपतियों से देश में शिक्षा का माहौल बनाने तथा एक-दूसरे से सोशल मीडिया से जुड़ने की भी अपील की। (वार्ता)