भोपाल। मध्य प्रदेश में करीब एक सप्ताह से सियासी उठापटक चल रही है। कमलनाथ ने 'ऑपरेशन लोटस' को सफल नहीं होने दिया। अब खबरें हैं कि गृहमंत्री अमित शाह ने मोर्चा संभाल लिया है। खबरों के अनुसार भाजपा अब निर्दलीय विधायकों को छोड़ कांग्रेस विधायकों पर अपना ध्यान लगा रही है।
शाह ने मध्य प्रदेश को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मंत्रणा की। बताया जाता है कि अमित शाह भाजपा के ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचाएंगे। हालांकि भाजपा के नेता खुलकर बयान नहीं दे रहे हैं।
देखना दिलचस्प होगा कि मध्य प्रदेश की सियासी बिसात पर शाह कौनसी चाल से कमलनाथ को मात देते हैं। 16 मार्च से राज्य विधानसभा का महत्वपूर्ण बजट सत्र भी शुरू हो रहा है।
अभी भोपाल नहीं लौटे हैं कांग्रेस के 3 विधायक : सियासी सरगर्मियों के कारण चर्चा में आए 3 कांग्रेस विधायक अब भी वापस भोपाल नहीं पहुंचे हैं। इन विधायकों में वरिष्ठ आदिवासी नेता एवं पूर्व मंत्री बिसाहूलाल सिंह, हरदीप सिंह डंग और रघुराज कंसाना शामिल हैं।
निर्दलीय और सरकार को शुरू से समर्थन देने वाले विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा कल दोपहर विमान से यहां पहुंचे थे और उन्होंने दिन में मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी। इसके बाद शाम को उनके वापस दिल्ली जाने की खबरें आईं।
शेरा उन 4 विधायकों में शामिल थे, जिन्हें कथित तौर पर दक्षिण के एक राज्य की राजधानी स्थित महंगे रिसोर्ट में रखे जाने की सूचनाएं यहां पहुंची थीं।
शेरा ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद मीडिया से चर्चा में दावा किया था कि वे कमलनाथ सरकार को समर्थन शुरू से देते आ रहे हैं और आगे भी देते रहेंगे। इस बीच कांग्रेस के रणनीतिकार इन 3 विधायकों को भी वापस लाने का प्रयास कर रहे हैं।
नारायण त्रिपाठी को लेकर असमंजस की स्थिति : भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी को लेकर भी असमंजस की स्थिति दिखाई दे रही है। वे हाल के दिनों में दो-तीन बार मुख्यमंत्री कमलनाथ और विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति से मुलाकात कर चुके हैं। त्रिपाठी विधानसभा में एक बार कांग्रेस के पक्ष में मतदान भी कर चुके हैं। हालांकि त्रिपाठी का यही दावा है कि उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात अपने विधानसभा क्षेत्र मैहर के विकास को लेकर की है।
दूसरी ओर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी राज्यसभा चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों के चयन की कवायद भी कर रही है। राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 13 मार्च है। इस तिथि तक सभी प्रत्याशियों की ओर से नामांकन पत्र दाखिल किए जाना आवश्यक है।