Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

UP की सियासत में योगी बनाम केशव,सरकार से लेकर संगठन तक चरम पर गुटबाजी!

CM योगी की बैठक को दरकिनार कर केशव प्रसाद मौर्य से मिले ओमप्रकाश राजभर

हमें फॉलो करें UP की सियासत में योगी बनाम केशव,सरकार से लेकर संगठन तक चरम पर गुटबाजी!

विकास सिंह

, बुधवार, 24 जुलाई 2024 (11:24 IST)
लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार और संगठन में गुटबाजी अब चरम पर पहुंचती दिख रही है। एक ओर जहां भाजपा की अंदरूनी राजनीति में शक्ति प्रदर्शन का दौर लगातार तेज होता जा रहा है वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच सियासी नूराकुश्ती जारी है। दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य लगातार पार्टी के सहयोगी दलों के नेताओं, मंत्रियों और नेताओं से मिल रहे हैं। इन मुलाकातों को भले ही सौजन्य भेंट बताया जा रहा हो लेकिन इसे सरकार और संगठन के बीच शक्ति प्रदर्शन के तौर भी देखा जा रहा है।

सरकार से लेकर संगठन तक गुटबाजी- उत्तर प्रदेश की सियासत में इन दिनों सरकार से लेकर संगठन तक गुटबाजी दिखाई दे रही है। भाजपा में मचे अंदरुनी घमासान के बीच पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की संगठन की बैठक से गैरहाजिरी के बाद चर्चा का एक नया दौर शुरु हो गया है। 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव  को लेकर लखनऊ में भाजपा मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के बैठक में दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक शामिल हुए लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नहीं पहुंचे। बताया गया है कि मुख्यमंत्री का दौरे पहले से प्रस्तावित थे।

वहीं दूसरी ओर लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को घेरने वाले सहयोगी दलों के नेता और कैबिनेट मंत्री संजय निषाद और सुभासपा प्रमुख और मंत्री ओम प्रकाश राजभर के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से मुलाकात को एक शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है। Iसोमवार को सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर औऱ कल मंगलवार को निषाद पार्टी के मुखिया और मंत्री संजय निषाद के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से मिलने से सियासी हलचल भी तेज हो गई। गौरतलब है कि इन दोनों ही नेताओं ने लोकसभा चुनाव में हार के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली को जिम्मेदार ठहराया था।
webdunia

दिलचस्प बात यह है कि कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बैठक को दरकिनार कर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से मिलने पहुंचे थे जहां दोनों नेताओं  के बीच एक घंटे बंद कमरे में चर्चा हुई थी।

इसके साथ ही लखनऊ में पॉवर सेंटर के रूप में देखे जाने वाले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के सात कालीदास मार्ग स्थित कैंप कार्यालय में इन दिनों पार्टी के दिग्गज नेताओं के पहुंचने का सिलसिला तेज हो गया है। पिछले दिनों पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान के अलावा विधायक उमेश द्विवेदी, गौरी शंकर वर्मा, भगवान सिंह कुशवाहा, ममतेश शाक्य, आशुतोष मौर्य, सुरेंद्र चौधरी, पूर्व सांसद राजेश वर्मा, पूर्व राज्यसभा सांसद जुगल किशोर समेत कई नेता केशव प्रसाद मौर्य से मिलने पहुंचे।

इसके साथ लोकसभा चुनाव में हार का सामने करने वाले भाजपा के पूर्व सांसद भी लगातार डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के पास हाजिरी लगा रहे हैं। इन सियासी मुलाकातों ने प्रदेश की सियासत में नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है। वहीं सूबे की सियासत में बड़े ओबीसी के तौर पर स्थापित डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भाजपा ओबीसी मोर्चा की भी बैठक बुला कर भी सियासी हलचलें बढ़ा दी है। खुद मौर्य के सोशल मीडिया हैंडल से बैठक को लेकर जानकारी साझा की गई।
webdunia

योगी-केशव में पुरानी सियासी अदावत-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बीच सियासी टकराव कोई नया नहीं है। 2017 में जब भाजपा प्रचंड बहुमत से सत्ता में आई थी तब संगठन की कमान केशव प्रसाद मौर्य के पास थी लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी पर योगी आदित्यनाथ ने अपना कब्जा जमा लिया था। इसको लेकर केशव प्रसाद मौर्य ने कई मौकों पर अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा किया। इतना ही नहीं सरकार में अपनी हनक बनाए रखने के लिए योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य के बीच टकराव की खबरें दिल्ली तक पहुंची।

लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद भले ही केशव प्रसाद मौर्य और उनके गुट के नेता 2027 के विधानसभा चुनाव को टारगेट कर रहे है लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव (2022) में केशव प्रसाद मौर्य जब अपनी ही सीट सिराथू हार गए तो उनके समर्थकों ने आरोप लगाया कि मौर्य को जानबूझकर हराया गया है। हलांकि विधानसभा चुनाव में हार के बाद भी केशव प्रसाद मौर्य के राजनीतिक कद में कोई कमी नहीं आई और उन्हें डिप्टी सीएम बनाया गया। दरअसल केशव प्रसाद मौर्य उत्तरप्रदेश में भाजपा के ओबीसी वर्ग का बड़ा चेहरा है और लोकसभा चुनाव में जिस तरह से ओबीसी वोटर भाजपा से छिटका है उसके बाद सूबे की सियासत में केशव प्रसाद मौर्य की भूमिका और बढ़ गई है।

 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे को क्यों याद आया 1991 का बजट?