Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

मोटापा कम करने और अन्‍य बीमारियों से छुटकारे के लिए यूट्यूब पर परोसी जा रही ‘जहरीली रैसिपी’

हमें फॉलो करें youtube
, गुरुवार, 10 नवंबर 2022 (15:15 IST)
भ्रामक और अपुष्‍ट जानकारी परोसने वाले यूट्यूब चैनल के लाखों में सब्‍सक्राइबर्स
शेयर, लाइक, कमेंट और सब्‍सक्राइब के चक्‍कर में हजारों चैनल्‍स कर रहे हेल्‍थ के साथ खिलवाड़  
बीमारियों से लेकर तमाम तरह के उपायों के लिए रोजना उग रहे चैनल्‍स, कोई नहीं लगाम लगाने वाला

मोटापा कम करना हो, या वजन बढ़ाना हो। किसी बीमारी का घरेलू इलाज हो या फिर ज्‍योतिष उपाय। इन दिनों यूट्यूब पर इस तरह की जानकारी की बाढ़ सी आई हुई है। कोई भी सवाल कीजिए, यूट्यूब पर उसका जवाब मिल जाएगा। हजारों लाखों की संख्‍या में लोग इन्‍हें देखते हैं और सुझाए गए उपायों को आजमाते हैं।

यूट्यूब पर वीडियो देखने की इस अंधी सनक की एक दुखदभरी खबर मध्‍य प्रदेश के इंदौर से आई है। यहां के स्‍वर्णबाग कॉलोनी के रहने वाले एक वाहन चालक धर्मेंद्र को हाथ में दर्द था। इसके साथ ही वे अपने पेट की चर्बी भी कम करना चाहते थे। इस चक्‍कर में वे यूट्यूब पर बताए गए सुझाव का शिकार हो गए।

दरअसल, उन्‍होंने इसके लिए एक यूट्यूब वीडियो देखा था, जिसमें बताया गया था कि जंगली लौकी का रस पीने से उनकी समस्‍या हल हो जाएगी। वे जंगल गए और जंगली लौकी लेकर आए। उसका जूस बनाया और पी गए। एक घंटे बाद उनकी मौत हो गई। इसके पहले डॉक्‍टर के पास भी गए लेकिन जान नहीं बच सकी।

यह यूट्यूब पर परोसी जा रही मौती की रैसिपी या कहें कि मौत की जानकारी की एक बानगीभर है। ऐसे भारत में हजारों लाखों की संख्‍या में लोग यूट्यूब या अन्‍य वीडियो को देखकर खुद ही अपना इलाज करते हैं। लोग इन भ्रामक जानकारी का शिकार हो जाते होंगे, लेकिन कुछ ही मामले हैं जो प्रकाश में आ पाते हैं।

दरअसल, कोरोना के बाद वीडियो देखकर घरेलू नुस्‍खों से इलाज की एक होड सी चल गई है। लोग खुद ही अपने डॉक्‍टर बन रहे हैं। कोई एलर्जी हो, सर्दी जुकाम या खांसी हो, मोटापा हो या वजन बढाना हो। यहां तक कि ज्‍योतिष उपाय के साथ ही बाल बढ़ाने, बाल उगाने, त्‍वचा, रंग लंबाई समेत डायबीटिज से लेकर कॉलेस्‍ट्रॉल आदि सब बीमारियों के लिए लोग वीडियो देख रहे हैं।

इतना ही नहीं, इन भ्रामक जानकारियों को लोग फॉलो भी कर रहे हैं। बिना यह जाने कि यह सही है भी या नहीं। लोग आंखें बंद कर के इन वीडियो को फॉलो करते हैं। कोरोना संक्रमण के दौरान भी यह सिलसिला बहुत चला था। व्‍हाट्ऐप पर प्रसारित किए गए वीडियो देखकर लोग बिना जाने समझे न सिर्फ अपना इलाज करते थे, बल्‍कि उसे फॉरवर्ड भी करते थे। लोग जाने अनजाने इसका शिकार होते रहे। इंदौर का यह एक ऐसा मामला है, जो जानकारी में आ सका।

दूसरी तरफ यूट्यूब पर लाइक, कमेंट और सब्‍सक्राइब के लिए लोग तरह तरह के वीडियो बना रहे हैं, वे अपनी रीच बढ़ाने के लिए चौंकाने वाली, या भ्रामक जानकारी भी परोस रहे हैं। आलम यह है कि ऐसे कई फेक वीडियो बनाने वाले या अपुष्‍ट जानकारी देने वाले यूट्यूब चैनल के लाखों में फॉलोअर्स हैं। वे अपनी लाइक्‍स और हिट्स बढ़ाने के लिए सनसनीखेज, चौंकाने वाली और कुछ ही मिनटों के इलाज से बीमारी या तकलीफ दूर कर देने का दावा करते हैं।

इन सब का सबसे दुखद पहलू यह है कि इन पर लगाम लगाने वाला कोई नहीं है। कोई भी अपनी योग्‍यता के अनुसार वीडियो बनाकर उसे यूट्यूब पर अपलोड कर देता है।
Written & Edited: By Navin Rangiyal

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

सुकेश चंद्रशेखर ने फिर लिखी LG को चिट्ठी, अन्य जेल में ट्रांसफर की मांग