जोधपुर। राजस्थान की जोधपुर की स्थानीय अदालत ने नाबालिग से यौन शोषण के मामले में आरोपी कथावाचक आसाराम को प्राकृतिक मौत तक जेल में रहने तथा दो अन्य सेवादारों को 20-20 बीस साल की सजा सुनाने के साथ ही पांच लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया।
अनुसूचित जाति जनजाति विशेष अदालत के न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा ने बुधवार को केंद्रीय कारागार में लगाई गई विशेष अदालत में यह फैसला सुनाया। देश के इतिहास में यह पहला ऐसा मामला है जिसमें पाक्सो अधिनियम के तहत उम्र कैद की सजा दी गई है।
राजस्थान का जोधपुर केंद्रीय कारागार प्रदेश का पहला और देश का चौथा ऐसा जेल है, जहां अदालत लगाई गई है। जोधपुर केंद्रीय कारागार में 31 साल पूर्व भी अदालत लगाई गई थी। अदालत ने आसाराम उर्फ आसूमल उर्फ थेउमल को धारा 370(4), 342, 506, 376 (2) (एफ) सपठित धारा 120-बी भारतीय दंड संहिता एवं धारा 23 किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम, 2000 के दंडनीय अपराध के लिए दंडित किया। यौन उत्पीड़न की विभिन्न धाराओं में दोषी करार दिए जाने के कारण आसाराम ताउम्र जेल में बिताएंगे।
अदालत ने इस प्रकरण में अन्य दो सेवादारों शिल्पी और शरत चन्द्र को बीस बीस साल की सजा सुनाई है तथा दो सेवादारों प्रकाश और शिवा को दोषमुक्त करते हुए बरी कर दिया। फैसले के बाद पीड़िता के अधिवक्ता ने न्यायालय में आवेदन कर अभियुक्तों से एक-एक करोड़ रुपए मुआवजा दिलाने की गुहार लगाई। (भाषा)